ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टर्स की नहीं हो सकी मीटिंग, लाइव प्रसारण पर गतिरोध कायम
कोलकाता में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होगी या नहीं, इसका फैसला होने की संभावनाओं पर एक बार फिर विराम लग गया है। ममता और जूनियर डॉक्टर्स की मीटिंग नहीं हो सकी।
कोलकाता: आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की वारदात के बाद से हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मीटिंग नहीं हो सकी। गतिरोध को दूर करने के लिए आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों का एक ग्रुप कोलकाता के कालीघाट क्षेत्र में स्थित सीएम ममता बनर्जी के आवास पर पहुंचा। लगभग 30 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल शाम लगभग छह बजकर 45 मिनट पर बनर्जी के आवास पर पहुंचा। लेकिन मीटिंग के लाइव प्रसारण को लेकर अभी गतिरोध बना रहा और अंतत: यह मीटिंग नहीं हो सकी। सीएम ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर स्थित धरनास्थल से रवाना होने से पहले आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा था कि उन्होंने सरकार के समक्ष पहले जो पांच मांगें रखीं थी, उससे कम पर राजी नहीं होंगे। इससे पहले, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के ई-मेल का जवाब देते हुए आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे बैठक में शामिल होंगे और मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगें रखेंगे। एक आंदोलनकारी डॉक्टर ने कहा, ‘‘हम अपने प्रतिनिधियों के साथ बैठक में शामिल होंगे। हम अपनी पांच मांगें रखेंगे। हम खुले दिमाग से बैठक में जा रहे हैं, लेकिन किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि हम अपनी मांगों को लेकर कोई समझौता कर लेंगे।’’
15 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को बुलावा
इससे पहले, मुख्य सचिव मनोज पंत द्वारा आंदोलनकारी चिकित्सकों को भेजे गए ई-मेल में कहा गया था, ‘‘"आज शाम 6 बजे मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित आवास पर खुले मन से चर्चा के लिए आप आमंत्रित हैं। 15 जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल उक्त बैठक में शामिल हो सकता है। हम इस संबंध में आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की आशा करते हैं। ममता बनर्जी शनिवार को अचानक डॉक्टरों के धरनास्थल पर पहुंचीं और उन्हें उनकी मांगों पर गौर करने तथा दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके कुछ घंटे बाद आंदोलनकारी डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक ई-मेल भेजकर मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई थी।
मीटिंग का सीधा प्रसारण किए जाने की मांग
आंदोलनकारी डॉक्टरों में से एक ने कहा था, ‘‘हम गतिरोध को दूर करने के लिए कहीं भी और कभी भी मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने को तैयार हैं। हम आज दोपहर उनके (बनर्जी) हमारे पास आने का स्वागत करते हैं। यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। हमने राज्य सरकार को एक ‘मेल’ भेजा है।’’ उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे अभी भी पूरी बैठक का सीधा प्रसारण किए जाने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पारदर्शिता चाहते हैं।’’ पश्चिम बंगाल ‘जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ ने अपने मेल में लिखा, ‘‘हम आपके आभारी हैं कि आपने इस खराब मौसम में हमारे बीच आकर और अपने विचार हमारे साथ साझा करके सद्भावना दिखाई है। हम इसे हमारी पांच सूत्री मांगों पर सुचारू चर्चा की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम के रूप में लेते हैं, जिसके लिए हम पिछले 35 दिन से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।’’
मंगलवार से ही डॉक्टर्स राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना पर बैठे हुए हैं। उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था कायम करना और आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों में ‘‘विफल’’ रहने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम, स्वास्थ्य सेवा निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निलंबित करने की मांग शामिल है। पिछले महीने आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर से कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के सिलसिले में अगले दिन कोलकाता पुलिस के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई इस घटना की जांच कर रही है।
रिपोर्ट-ओंकार, भाषा इनपुट