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Hindi News पश्चिम बंगाल कोलकाता में जल निकायों की संख्या में आई भारी गिरावट, जानिए क्या है वजह

कोलकाता में जल निकायों की संख्या में आई भारी गिरावट, जानिए क्या है वजह

कोलकाता में जल निकायों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसे लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने जल निकायों के बड़े पैमाने पर भरने को रोकने में केएमसी की अनिच्छा पर भी आपत्ति जताई।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिछले कुछ सालों के दौरान जल निकायों की संख्या में आई भारी गिरावट चिंता का कारण बन गई है। भूमि अभिलेख एवं सर्वेक्षण और संयुक्त भूमि सुधार आयुक्त कार्यालय की ओर से किए गए एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के तहत 101 और 144 वार्डों के बीच फैले कुल 12,442 जल निकायों में से 8,250 के अधिकारों का रिकॉर्ड बदल दिया गया है।

वार्ड संख्या 101 से 144 मुख्य रूप से केएमसी के अंतर्गत अतिरिक्त क्षेत्रों में है और वहां के ज्यादातर जल निकायों के अधिकारों का रिकॉर्ड वर्गीकृत भूमि के अधिकारों में बदल दिया गया है। इस मामले को हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में जल निकायों के बड़े पैमाने पर भरने और अधिकारों के रिकॉर्ड को बदलने पर एक याचिका में उजागर किया गया था।

बड़े पैमाने पर बढ़ रहे जल निकाय

पीठ ने जल निकायों के बड़े पैमाने पर भरने को रोकने में केएमसी की अनिच्छा पर भी आपत्ति जताई और केएमसी अधिकारियों पर वित्तीय जुर्माना भी लगाया था। पर्यावरणविद् भी काफी समय से जल निकायों के बड़े पैमाने पर भरने और बेलगाम रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के एकमात्र उद्देश्य के लिए उनकी प्रकृति को वर्गीकृत भूमि में बदलने के खिलाफ मुखर रहे हैं। कुछ इसी तरह के एक मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की टिप्पणी में भी इस संबंध में पर्यावरणविदों की चिंताएं सामने आईं।

न्यायमूर्ति सिन्हा ने जताई नाराजगी

न्यायमूर्ति सिन्हा ने वेटलैंड प्राधिकरण को दक्षिण- 24 परगना के नरेंद्रपुर पुलिस स्टेशन के तहत एक क्षेत्र में वेटलैंड पर अवैध और अनधिकृत निर्माण के संबंध में एक रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सिन्हा ने बेलगाम रियल एस्टेट विकास से जल निकायों को भरने पर भी नाराजगी जाहिर की और वह भी ऐसे वक्त में जब कोलकाता के लोगों की सांसें अटक रही हैं।
- IANS इनपुट के साथ