संदेशखाली मामलाः हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार, जानें पूरा मामला
संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने एसआईटी को बर्खास्त कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।
संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई है। इससे पहले ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने एसआईटी को बर्खास्त कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने शेख शाहजहां समेत कुल तीन जांचें सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को आदेश दिया था कि शेख शाहजहां को मंगलवार शाम 4.30 बजे तक सीबीआई को सौंप दें।
सीबीआई शेख शाहजहां को हिरासत में लेगी
हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई आज शाम तक शेख शाहजहां को हिरासत में ले सकती है। शेख शाहजहां को पिछले हफ्ते उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखान में एक घर से गिरफ्तार किया गया था।मिली जानकारी के अनुसार, कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली से जबरन वसूली, भूमि हड़पने और यौन उत्पीड़न की कई शिकायतों के मुख्य आरोपी पूर्व टीएमसी नेता शेख शाहजहां की हिरासत सीबीआई को सौंप दी है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसी मामले को अपने हाथ में लेगी, उन्होंने बंगाल पुलिस को शाहजहां और मामले की सामग्री सौंपने के लिए शाम 4.30 बजे तक का समय दिया।
पुलिस हिरासत में था शेख शाहजहां
बता दें कि इससे पहले शेख शाहजहां 10 दिन की पुलिस हिरासत में था। बीजेपी के मुताबिक, शाहजहां को ईडी को सौंपने के बजाय 10 दिनों की रिमांड देना उन्हें "कानूनी सुरक्षा" प्रदान करने का एक तरीका है। बीजेपी का कहना है कि ईडी तब तक चैन से नहीं बैठ सकती जब तक उसे शाहजहां की हिरासत नहीं मिल जाती। ऐसा इसलिए क्योंकि पश्चिम बंगाल पुलिस एक नया मामला दर्ज कर सकती है और टीएमसी के मजबूत नेता को फिर से गिरफ्तार कर सकती है, जिससे 15 दिन की गिनती फिर से हो जाएगी।
कोर्ट में दाखिल की गई थी याचिकाएं
ईडी और राज्य सरकार दोनों ने एकल पीठ के 17 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपीलें दायर कीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर उग्र भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया गया था। यद्यपि ईडी चाहता था कि जांच केवल सीबीआई को हस्तांतरित की जाए, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले की जांच केवल राज्य पुलिस को दी जाए। उच्च न्यायालय द्वारा यह आदेश दिये जाने के एक दिन बाद राज्य पुलिस ने टीएमसी नेता शेख को गिरफ्तार किया था कि महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार और संदेशखालि में जमीन हड़पने के मुख्य आरोपी शेख को सीबीआई, ईडी या पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है।