राज्यपाल ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया, बंगाल वापस न आएं: TMC
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दिल्ली दौरे पर गए राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य में वापस नहीं आने को कहा है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दिल्ली दौरे पर गए राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य में वापस नहीं आने को कहा है। दूसरी ओर बीजेपी ने आरोप लगाया कि तृणमूल संविधान का सम्मान नहीं करती है और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी से संवैधानिक पदों का सम्मान करने को कहा। धनखड़ के राज्य सरकार के साथ तनावपूर्ण रिश्ते हैं। वह मंगलवार की रात चार दिन की यात्रा पर दिल्ली गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की अपनी यात्रा का कोई विशेष कारण नहीं बताया है।
बहरहाल, बुधवार को राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद जोशी और प्रह्लाद सिंह पटेल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत के कोयला, खनन एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई।” ट्विटर पर किए गए एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि केंद्रीय सांस्कृतिक, पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल के साथ विक्टोरिया मेमोरियल, भारतीय संग्राहलय समेत अन्य मुद्दों पर सार्थक चर्चा की जिसका मकसद इन निकायों के प्रभाव को बढ़ाना है।
तृणमूल के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता सौगत रॉय ने धनखड़ पर कथित तौर पर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करने और हाल के दिनों में विभिन्न फैसलों और बयानों को लेकर राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लेने के लिए आड़े हाथो लिया। रॉय ने कहा, “हमने ऐसा राज्यपाल कभी नहीं देखा जो संविधान और उसके मानदंडों का सम्मान नहीं करता है। वह हर संवैधानिक मानदंड का उल्लंघन करते रहे हैं।”
उन्होंने सवाल किया कि राज्यपाल दिल्ली क्यों गए हैं और वहां केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं। तृणमूल की एक अन्य नेता एवं सांसद महुआ मोइत्रा ने धनखड़ से राज्य वापस नहीं आने को कहा। उन्होंने ट्वीट में कहा, “अंकलजी (धनखड़) 15 जून को दिल्ली जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल साहिब हम पर एक एहसान करें, राज्य में वापस न आएं।”
राज्यपाल को बीजेपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में कानून-व्यवस्था की कथित स्थिति खराब होने को लेकर एक ज्ञापन दिया था जिसके एक दिन बाद वह दिल्ली गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी जाने से कुछ घंटे पहले, धनखड़ ने मुख्यमंत्री बनर्जी को एक पत्र लिखकर राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर चुप रहने और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया था।
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