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Hindi News पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने एंटी रेप बिल को विचार करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा, बताई वजह

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने एंटी रेप बिल को विचार करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा, बताई वजह

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने विधानसभा द्वारा पारित बलात्कार रोधी विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचारार्थ भेजा है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस- India TV Hindi Image Source : FILE-PTI पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित बलात्कार विरोधी अपराजिता विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास विचार के लिए भेजा है। विधेयक का अनुवाद उपलब्ध कराने में विधानसभा सचिवालय की विफलता पर राजभवन ने नाराजगी व्यक्त की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल द्वारा विधेयक को मंजूरी नहीं दिए जाने पर राजभवन के बाहर धरने की धमकी दी थी। राज्यपाल ने सीएम के डराने-धमकाने वाले रुख पर नाराजगी जताई और सरकार को कानूनी और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करने में विफलता के लिए फटकार लगाई है। 

राज्यपाल ने विधेयक में कमियों की तरफ ध्यान आकर्षित किया

जानकारी के अनुसार, दोपहर में सरकार की ओर से अनिवार्य तकनीकी रिपोर्ट राज्यपाल को उपलब्ध करायी गयी। राज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित विधेयक में कमियों और चूकों की ओर इशारा किया है। राज्यपाल ने कहा कि लोग इस विधेयक के लागू होने तक इंतजार नहीं कर सकते। वे न्याय चाहते हैं और मौजूदा कानून के दायरे में ही उन्हें न्याय मिलना चाहिए। सरकार को प्रभावी ढंग से कार्य करना चाहिए, लोगों को न्याय मिलना चाहिए। अपनी प्यारी बेटी को खोने वाली शोक संतप्त मां के आंसू पोंछना सरकार का कर्तव्य है। राज्यपाल ने विधेयक में स्पष्ट दोषों और खामियों की ओर इशारा किया और सरकार को बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने के बजाय अपना होमवर्क करने की सलाह दी।

अदालत ने मुख्य आरोपी को 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा 

उधर, कोलकाता की एक अदालत ने यहां सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामले से जुड़े वकील अदालत कक्ष में उपस्थित थे, जबकि आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुआ। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो रॉय रोने लगा। राज्य विधिक सहायता द्वारा नियुक्त रॉय की वकील ने जमानत का अनुरोध किया और कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है।