कोलकाता: पूरे पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान पूजा में हिल्सा मछलियों की विशेष मांग होती है। इन मछलियों को पद्मा इलिश भी कहा जाता है, क्योंकि ये बांग्लादेश की पद्मा नदी में पाई जाती हैं। हर साल दुर्गा पूजा के दौरान इन हिल्सा मछलियों को बांग्लादेश से आयात किया जाता था, लेकिन इस बार कोलकाता में बिना हिल्सा मछलियों के ही दुर्गा पूजा मनाई जाएगी। इसके पीछे बड़ी वजह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का एक निर्णय है, जिसमें हिल्सा मछलियों का बांग्लादेश से निर्यात नहीं किए जाने का फैसला लिया गया है।
बांग्लादेश ने ठुकराया निर्यात का अनुरोध
दरअसल, पांच साल में पहली बार ऐसा होगा कि बंगाल के लोगों को हिल्सा मछली नहीं मिलेगी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के साथ 'हिल्सा डिप्लोमेसी' को जारी रखने के लिए कोलकाता स्थित मछली आयातक संघ के अनुरोध को ठुकरा दिया है। बांग्लादेश सरकार का कहना है कि वह निर्यात से ज्यादा अपनी घरेलू मांग को प्राथमिकता दे रही है। इससे पहले बांग्लादेशी मछली निर्यातकों के साथ समन्वय के लिए बांग्लादेश सरकार को एक पत्र भी लिखा गया था, लेकिन अंतरिम सरकार में मत्स्य और पशु संसाधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने बढ़ती घरेलू मांग का हवाला देते हुए मांग को खारिज कर दिया है।
शेख हसीना ने शुरू की 'हिल्सा डिप्लोमेसी'
बता दें कि 2019 से, बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 'हिल्सा डिप्लोमेसी' अपनाई थी। इसके तहत हर साल पूजा से पहले एक महीने के लिए पद्मा से 1,000 टन से अधिक हिल्सा भारत को निर्यात करने की अनुमति दी जाती थी। हालांकि हिल्सा मछली के निर्यात की अनुमति नहीं मिलने के कारण इस साल दुर्गा पूजा के दौरान बंगालियों को हिल्सा मछली के बिना ही रहना पड़ेगा। इस मछली को बंगाल में एक खास पकवान के तौर पर भी जाना जाता है। बता दें कि हाल ही में बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई और देश में अंतरिम सरकार सक्रिय है।
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