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Hindi News पश्चिम बंगाल डॉक्टरों की हड़ताल ने बिजनेस पर भी मारी लात, कोलकाता में घट गई रेस्तरां और कैफे की कमाई

डॉक्टरों की हड़ताल ने बिजनेस पर भी मारी लात, कोलकाता में घट गई रेस्तरां और कैफे की कमाई

आर. जी. कर रेप एवं मर्डर केस को लेकर जारी डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन ने शहर के रेस्तरां और कैफे की कमाई पर भी असर पड़ा है और उनकी आमदनी पहले के मुकाबले घट गई है।

Kolkata News, Kolkata Doctors Strike, Kolkata Cafes- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL कोलकाता में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद रेस्तरां और कैफे की कमाई में कमी आई है।

कोलकाता: आर. जी. कर रेप एवं मर्डर केस को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच कोलकाता में खाद्य और पेय पदार्थों के कारोबार में भारी गिरावट देखी गई है। कोलकाता के कई रेस्तरां मालिकों ने दावा किया है कि पिछले महीने में उनकी कमाई में 15-20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने दवा किया कि कई लोगों ने आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बढ़िया भोजन नहीं करने का फैसला किया है। रेस्तरां मालिकों का कहना है कि कई ग्राहक खुद सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, जबकि बाकी के लोग विरोध प्रदर्शनों के दौरान बाहर खाने को लेकर दुविधा में हैं।

‘पिछले दिनों कम हो गई थी ग्राहकों की संख्या’

हालांकि दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत के साथ ही रेस्तरां और कैफे मालिकों को यह उम्मीद जगी है कि ग्राहकों के वापस आने से कारोबार में तेजी आएगी। ‘बोन फेम’ नाम के एक कैफे के मालिक सुदीप मलिक ने बताया, ‘वीकेंड को छोड़कर, हफ्ते के बाकी दिनों में शाम के समय ग्राहकों की संख्या एक महीने से भी ज्यादा वक्त से कम हो गई थी।’ उन्होंने कहा कि हालांकि महालय के दिन से 46 सीट वाले इस कैफे में ग्राहकों की आमद 100 प्रतिशत हो गई है। माना जा रहा है कि दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान कैफे का रुख करने वाले ग्राहकों की संख्या में इजाफा होगा।

‘आमदनी में आई है 5-10 फीसदी की कमी’

‘ट्रैफिक गैस्ट्रोपब’ के को-फाउंडर सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा,‘आंदोलन ने शहर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है, लेकिन ट्रैफिक गैस्ट्रोपब ने उस तरह का असर महसूस नहीं किया। हालांकि, देर रात के समय कस्टमर्स की संख्या में गिरावट देखी है। यही वजह है कि हमारे निवेश पर कुल लाभ (ROI) में लगभग 5-10 फीसदी की कमी आई है। हालांकि, हमें उम्मीद है कि दुर्गा पूजा के दिनों में ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी और इसकी शुरुआत हो चुकी है।’

‘लोग झिझक रहे थे, अब हालात सुधर रहे हैं’

कैंटीन पब ऐंड ग्रब के संस्थापक स्वास्तिक नाग ने कहा, ‘शहर में जारी आंदोलनों ने समाज के अलग-अलग वर्गों के पूरे मूड को प्रभावित किया है। चाहे कॉलेज के स्टूडेंट्स हों, हाउसवाइव्स हों या रात में घूमने वाले लोग, सभी तरह के व्यक्ति कुछ दिन पहले तक बाहर निकलने में अधिक झिझक रहे थे, हालांकि अब हालात सुधर रहे हैं।’