आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या के मामले में दो मुख्य संदिग्धों को जमानत मिल गई है। इससे नाराज डॉक्टरों के संगठन ने 10 दिवसीय प्रदर्शन की योजना बनाई है। यह प्रदर्शन मंगलवार (17 दिसंबर) से शुरू होगा और 26 दिसंबर को खत्म होगा। एक पदाधिकारी ने कहा कि पांच संघों के एक छत्र संगठन डब्ल्यूबीजेपीडी का प्रस्तावित प्रदर्शन 26 दिसंबर तक डोरेना क्रॉसिंग पर आयोजित किया जाएगा। डब्ल्यूबीजेपीडी के संयुक्त संयोजक डॉक्टर पुण्यब्रत गन ने कहा, "हम सीबीआई द्वारा पूरक आरोपपत्र तत्काल प्रस्तुत करने की भी मांग करते हैं।"
डॉक्टर गन ने कहा "डब्ल्यूबीजेपीडी ने कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा को पत्र लिखकर 10 दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी है। हमने यातायात की आवाजाही में किसी भी तरह की बाधा डाले बिना एक अस्थायी मंच स्थापित करने के लिए पुलिस से अनुमति मांगी है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि सभी कानूनी और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करते हुए शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शन किया जाएगा।" उन्होंने पुलिस से सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।
संदीप घोष को मिली जमानत
डब्ल्यूबीजेपीडी ने शनिवार को इस मुद्दे पर साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय तक मार्च निकाला। कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक ऑन-ड्यूटी महिला डॉक्टर 9 अगस्त को मृत पाई गई थी, जिसके बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। शुक्रवार को सियालदह कोर्ट ने बलात्कार-हत्या मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत दे दी। सीबीआई द्वारा अनिवार्य 90-दिन की अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में "विफल" रहने के बाद उन्हें जमानत दी गई।
बयान से पलट रहा संजय राय
इस घटना के अगले दिन ही पुलिस ने संजय रॉय को हिरासत में लिया था, जो इस घटना का मुख्य आरोपी है। संजय ने उसी समय दुष्कर्म और हत्या की बात स्वीकार की थी। हालांकि, अब वह अपने बयान से पलट रहा है। पिछले महीने अदालत में सुनवाई के बाद लौटते हुए संजय ने कहा था कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे जबरन इस मामले में बनाया गया है।
(इनपुट- पीटीआई)