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Hindi News पश्चिम बंगाल 9 घंटे तक बंद रहेगा कोलकाता एयरपोर्ट, नहीं उड़ेगा कोई प्लेन, जानें क्या है वजह ?

9 घंटे तक बंद रहेगा कोलकाता एयरपोर्ट, नहीं उड़ेगा कोई प्लेन, जानें क्या है वजह ?

कोलकाता में तूफान रेमल के चलते एहतियातन एयरपोर्ट से विमानों का संचालन बंद किया गया है। रविवार रात 12 बजे से सोमवार सुबह 9 बजे तक एयरपोर्ट से कोई भी विमान नहीं उड़ेगा और न ही लैंड करेगा।

Kolkata Airport- India TV Hindi Image Source : NETAJI SUBHASH CHANDRA AIRPORT KOLKATA कोलकाता एयरपोर्ट

पश्चिम बंगाल में रेमल तूफान से होने वाले संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा की तैयारियां की जा रही हैं। इसी कड़ी में रविवार रात 12 बजे से सोमवार सुबह 9 बजे तक कोलकाता एयरपोर्ट से कोई भी विमान नहीं उड़ेगा। इस दौरान एयरपोर्ट में किसी भी विमान को लैंड करने की भी अनुमति नहीं होगी। 

भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ दत्त के अनुसार तूफान 18.2 डिग्री उत्तर और 89.7 डिग्री पर है। यह उत्तर दिशा की तरफ बढ़ेगा। यह मध्य पूर्व से उत्तर की तरफ बढ़ेगा। 26 तारीख तक यह चक्रवाती तूफान का रूप लेगा। इसका असर बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगा। इस दौरान 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के आसार हैं। इसके अलावा भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने तटीय क्षेत्रों से दूर रहने को कहा है। इसके अलावा भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

त्रिपुरा में भी अलर्ट जारी

आईएमडी की चक्रवात एडवाइजरी पर डीएम डॉ. विशाल कुमार ने कहा "आईएमडी ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें त्रिपुरा के दक्षिण के सभी जिले शामिल हैं। 25 मई की शाम से तेज हवाएं और भारी बारिश होंगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशिया में कम दबाव का क्षेत्र, बंगाल की खाड़ी से चक्रवाती हवाएं चलेंगी। हमने सभी फील्ड अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। हमारे पास एनडीआरएफ और अन्य टीमें भी तैयार हैं। हम आईएमडी के साथ नियमित संपर्क में हैं।"

पश्चिम बंगाल में NDRF की 12 टीमें तैनात

‘रेमल’ के मद्देनजर बंगाल की खाड़ी में मौजूद सभी मछुआरों को सुरक्षित स्थानों पर लौटने के लिए कहा है और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी की जान न जाए और संपत्ति को कम से कम नुकसान पहुंचे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 12 टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है और पांच अतिरिक्त टीम को तैयार रखा गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘जहाजों और विमानों के साथ-साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीम को तैयार रखा गया है।"