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Hindi News पश्चिम बंगाल 'मुख्यमंत्री के समर्थन के बगैर भ्रष्टाचार होना असंभव', शुभेंदु अधिकारी ने बोला ममता पर बड़ा हमला

'मुख्यमंत्री के समर्थन के बगैर भ्रष्टाचार होना असंभव', शुभेंदु अधिकारी ने बोला ममता पर बड़ा हमला

शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष’ समर्थन के बिना भ्रष्टाचार संभव नहीं है।

शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी- India TV Hindi Image Source : FILE शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कदम का शुक्रवार को उपहास उड़ाते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष’ समर्थन के बिना भ्रष्टाचार संभव नहीं है। 

सरकार के अधिकारी टीएमसी के लिए जुटा रहे चंदा?

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी  ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं नौकरशाह चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए चंदा जुटाने में लगे हैं। एक दिन पहले ही ममता बनर्जी ने निचले स्तर के पुलिसकर्मियों के एक तबके पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए सीआईडी में ‘पूर्ण फेरबदल’ की शुरुआत करने की घोषणा की थी। अधिकारी ने दावा किया, ‘‘अगर ममता बनर्जी को सत्ता में 13 साल रहने के बाद सुधारों की जरूरत का एहसास हुआ है, तो उन्हें सबसे पहले चुनावी बॉन्ड के जरिए भ्रष्ट व्यक्तियों और माफियाओं से वसूले गए 1,600 करोड़ रुपये वापस करने चाहिए।’’ 

'विरोधाभासी बयान दे रहीं ममता'

भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री नुकसान भरपाई की हताश प्रयास कर रही हैं, आधा-अधूरा सच बता रही हैं और खुद से विरोधाभासी बयान दे रही हैं। अगर वह वास्तव में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती हैं, जैसा कि वह दावा कर रही हैं, तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि आईपीएस अधिकारियों और नौकरशाहों के एक वर्ग ने चुनावी बॉन्ड के लिए धन जुटाने में उनकी मदद की है।’’ 

कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार का स्रोत

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार का स्रोत हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री कनिष्ठ अधिकारियों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भ्रष्टाचार की बड़ी व्यवस्था उनकी पार्टी की नीतियों और प्रथाओं का परिणाम है।’ (इनपुट-भाषा)