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Hindi News पश्चिम बंगाल देश की एकता व अखंडता से खिलवाड़ स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात: नरेंद्र मोदी

देश की एकता व अखंडता से खिलवाड़ स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात: नरेंद्र मोदी

शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी गाथाएं देश के लिए दिन रात मेहनत करने के लिए देशवासियों को प्रेरित करती हैं।

Narendra Modi, Birbhum violence, Biplobi Bharat Gallery, Victoria Memorial Hall- India TV Hindi Image Source : PTI Prime Minister Narendra Modi during the inauguration of the Biplobi Bharat Gallery at Victoria Memorial Hall, Kolkata, on Shaheed Diwas, through video conferencing.

Highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की एकता व अखंडता आज भी देशवासियों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • भारत की एकता व अखंडता के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात होगा: मोदी
  • मोदी ने कहा, आज जब मैं बिप्लबी भारत गैलरी का उद्घाटन कर रहा हूं, तो तिरंगे के 3 रंगों में नए भारत का भविष्य भी देख रहा हूं।

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की एकता व अखंडता आज भी देशवासियों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात होगा। शहीद दिवस के अवसर पर कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल में नवनिर्मित विप्लवी भारत दीर्घा का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की क्षेत्रीयता, भाषाएं-बोलियां और यहां तक कि उनके साधन-संसाधनों में भी विविधता थी, लेकिन राष्ट्रसेवा की भावना और राष्ट्रभक्ति एकनिष्ठ थी।

मोदी ने कहा, ‘वे ‘भारत भक्ति’ के सूत्र से जुड़े थे और एक संकल्प के लिए खड़े थे। भारत भक्ति का यही शाश्वत भाव, भारत की एकता व अखंडता आज भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। आपकी राजनीतिक सोच कुछ भी हो, आप किसी भी राजनीतिक दल के हों, लेकिन भारत की एकता व अखंडता के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़, भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात होगा।’ शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी गाथाएं देश के लिए दिन रात मेहनत करने के लिए देशवासियों को प्रेरित करती हैं और आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विप्लवी भारत दीर्घा बीते वर्षों में पश्चिम बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने और संवारने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। आज जब मैं बिप्लबी भारत गैलरी का उद्घाटन कर रहा हूं, तो तिरंगे के 3 रंगों में नए भारत का भविष्य भी देख रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि केसरिया रंग अब कर्मठता, कर्तव्य और राष्ट्रीय सुरक्षा की प्रेरणा देता है तो सफेद रंग ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का पर्याय है। उन्होंने कहा कि हरा रंग आज पर्यावरण की रक्षा के लिए, रीन्यूएबल एनर्जी के लिए भारत के बड़े लक्ष्यों का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत में नई दृष्टि के साथ ही देश को आगे बढ़ना है और यह नई दृष्टि भारत के आत्मविश्वास और उसकी आत्मनिर्भरता की है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, आज कर्तव्य निष्ठा ही हमारी राष्ट्रीय भावना होनी चाहिए। कर्तव्य पालन ही हमारी राष्ट्रीय प्रेरणा होनी चाहिए। कर्तव्य ही भारत का राष्ट्रीय चरित्र होना चाहिए।’ देशवासियों को उनके कर्तव्यों के पालन का परिणाम यह होगा कि जब देशवासी कोई स्थानीय उत्पाद खरीदेंगे, तब वे आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे। उन्होंने कहा कि आज ही भारत ने 30 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों के निर्यात का नया रिकॉर्ड बनाया है।

मोदी ने कहा, ‘भारत का बढ़ता हुआ निर्यात हमारी औद्योगिक शक्ति, हमारे लघु व मध्यम उद्योगों व हमारी निर्माण क्षमता के साथ ही हमारे कृषि क्षेत्र के सामर्थ्य का प्रतीक है।’ ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने 11 जनवरी 2020 को कोलकाता में जीर्णोद्धार के बाद प्रतिष्ठित ओल्‍ड करेंसी बिल्डिंग, बेलवेडियर हाउस, विक्‍टोरिया मेमोरियल हॉल और मेटकॉफ हाउस को राष्‍ट्र को समर्पित किया था। इस दौरान उन्होंने विक्‍टोरिया मेमोरियल की 5 दीर्घाओं में से तीन दीर्घाओं के बंद होने को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि इसमें कुछ जगह स्‍वतंत्रता सेनानियों के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए भी होनी चाहिए और इसे विप्‍लवी भारत का नाम दिया जाना चाहिए।

इस दीर्घा में स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक राज के विरुद्ध उनके सशस्त्र प्रतिरोध को दर्शाया गया है। विप्लवी भारत गैलरी में वह राजनीतिक और बौद्धिक पृष्ठभूमि प्रस्तुत की गई है, जिसने क्रांतिकारी आंदोलन को प्रेरित किया। गैलरी में क्रांतिकारी आंदोलन के जन्म, क्रांतिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण संगठनों का निर्माण, आंदोलन का विस्तार, इंडियन नेशनल आर्मी का गठन, नौसेना विद्रोह का योगदान आदि की झलक पेश की गई है। (भाषा)