बंगाल में ISF समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प, मतगणना केंद्र के बाहर फेंके गए बम
पश्चिम बंगाल में चुनावों के एलान के बाद से शुरू हुआ हिंसा का दौर मतगणना तक जारी है। मंगलवार की देर रात आईएसएफ समर्थकों ने एक मतगणना केंद्र के बाहर बमबाजी की और जमकर बवाल काटा।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में मतगणना केंद्र के बाहर पुलिसकर्मियों और इंडियन सेक्युलर फ्रंट यानी कि ISF के समर्थकों के बीच हुई जोरदार झड़प में दोनों ओर के कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ISF समर्थकों ने मतगणना केंद्र के बाहर बम भी फेंके थे। उसने बताया कि पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
बाकियों से काफी आगे है तृणमूल
बता दें कि पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मंगलवार सुबह से मतगणना जारी है। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, बुधवार सुबह 8 बजे तक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायतों में से 34,359 से अधिक पर जीत दर्ज कर ली है जबकि अन्य 752 पंचायतों में उसके उम्मीदवार आगे हैं। बीजेपी ने 9,545 सीट पर जीत दर्ज की है और 180 पर उसके उम्मीदवार आगे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने 2,885 सीट पर जीत दर्ज की है और 96 ग्राम पंचायत सीट पर आगे है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 2,498 ग्राम पंचायत सीट पर जीत दर्ज की तथा 72 अन्य पर आगे है।
पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
एक सीनियर अफसर ने बताया कि यह घटना मंगलवार देर रात हुई जब ISF के सदस्यों ने कथित तौर पर भंगोर में मतगणना केंद्र के बाहर बम फेंके और इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। उन्होंने कहा, ‘एक वरिष्ठ IPS अफसर, उनके बॉडीगार्ड, और कई अन्य पुलिसकर्मी और साथ ही ISF के कुछ कथित सदस्य झड़प में घायल हो गए। आधी रात के आसपास कुछ लोगों ने भंगोर में मतगणना केंद्र के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने हमारे साथियों को निशाना बनाकर बम फेंके।’
पुलिस की एक बड़ी टीम हुई तैनात
अधिकारी ने कहा, ‘कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवाबी कार्रवाई करते हुए हमारे अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस कर्मियों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और रबर की गोलियां चलानी पड़ी। पुलिसकर्मियों के साथ-साथ आईएसएफ के कथित सदस्यों का एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।’ भंगोर में खासकर मतगणना केंद्र के बाहर पुलिस कर्मियों का एक बड़ा दल तैनात किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के पंचायत चुनाव की घोषणा करने के बाद 8 जून से ही भंगोर में तनाव व्याप्त है।
15 मृतकों में से 11 तृणमूल से जुड़े थे
राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित भंगोर का दो बार दौरा किया था और वहां चुनाव से जुड़ी झड़प में मारे गए एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों और घायल लोगों से मुलाकात की थी। पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मतपेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए। हमलों में मारे गए 15 लोगों में से 11 तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए थे। राज्य में 8 जून को चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से हुई हिंसा में 30 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। (भाषा)