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Hindi News पश्चिम बंगाल बंगाल के संदेशखली में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प, कोर्ट ने रद्द किया धारा 144 का आदेश

बंगाल के संदेशखली में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प, कोर्ट ने रद्द किया धारा 144 का आदेश

संदेशखलि में महिलाएं तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित अत्याचारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रही हैं। इसी के विरोध में भाजपा नेताओं ने मार्च निकाला था।

पश्चिम बंगाल के संदेशखलि में बवाल।- India TV Hindi Image Source : ANI पश्चिम बंगाल के संदेशखलि में बवाल।

पश्चिम बंगाल के बशीरहाट स्थित संदेशखली में महिलाओं पर कथित व्यवस्थित यौन उत्पीड़न का मुद्दा गरमा गया है। संदेशखली में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार के साथ बीजेपी विधायकों ने बशीरहाट में एसपी कार्यालय की ओर विरोध मार्च निकाला। यहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई है। दूसरी ओर कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्षेत्र में धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा को मंगलवार को हटा दिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला। 

हाई कोर्ट ने रद्द की धारा 144

संदेशखलि के दो निवासियों ने याचिका दायर कर इलाके से निषेधाज्ञा हटाने के लिए अदालत से निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में संदेशाखालि में नौ फरवरी को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई थी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं। हालांकि, मंगलवार को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने संदेशखलि के जिला प्रशासन द्वारा लागू सीआरपीसी की धारा 144 को रद्द कर दिया। जज ने कहा कि  जिस तरह से यह किया गया, वह सही नहीं है।

पुलिस और टीएमसी कार्यकर्ता मिले हुए हैं- बीजेपी

पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा है कि हम यहां बशीरहाट में एसपी कार्यालय का घेराव करने आए थे। हमारे पास इनपुट था कि यह पुलिस और टीएमसी कार्यकर्ता करेंगे। हमने जिला एसपी को संदेश भेजा था कि कुछ लोग उल्लंघन करेंगे तो पथराव होगा और भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया जाएगा। हमारे कई कार्यकर्ता घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, पूरे मामले पर बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी का कहना है, "संदेशखली में जो कुछ भी हुआ वह पश्चिम बंगाल के लिए शर्मनाक है। यह एक निंदनीय घटना है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। 

तृणमूल नेता पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न का है आरोप

संदेशखलि में महिलाएं तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित अत्याचारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शेख और उसके गिरोह ने क्षेत्र में महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के अलावा जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया है। शेख पिछले महीने राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में संदेशखालि में उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद से फरार हैं। 

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