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Hindi News पश्चिम बंगाल सीबीआई ने प्राथमिक विद्यालय भर्ती घोटाले की जांच की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी, बताया कैसे हुआ भ्रष्टाचार

सीबीआई ने प्राथमिक विद्यालय भर्ती घोटाले की जांच की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी, बताया कैसे हुआ भ्रष्टाचार

सीबीआई के वकील ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि घोषित परिणाम अपारदर्शी थे और बोर्ड के कर्मचारियों ने अवैध नियुक्तियां करने के लिए कंपनी के साथ साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि नगर निकाय भर्ती घोटाले में सीबीआई की जांच अभी जारी है।

कलकत्ता हाई कोर्ट - India TV Hindi Image Source : FILE कलकत्ता हाई कोर्ट

कोलकाताः सीबीआई ने कथित प्राथमिक विद्यालय भर्ती घोटाले की जांच को लेकर अपनी रिपोर्ट मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी। सीबीआई ने कहा कि इसमें शामिल चरणों से पता चलता है कि कैसे भ्रष्टाचार को एक ‘कला’ के रूप में बदल दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कथित घोटाले के संबंध में अपराध से अर्जित आय की अपनी जांच की प्रगति पर एक अलग रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी।

सीबीआई ने बताया कैसे हुआ भ्रष्टाचार

पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की भर्ती में कथित अनियमितताओं पर अदालत को रिपोर्ट सौंपते हुए सीबीआई के वकील ने कहा कि इसमें शामिल चरणों से पता चलता है कि कैसे भ्रष्टाचार को ‘कला’ के रूप में बदल दिया गया था। ईडी के वकील धीरज त्रिवेदी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने एक निजी कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स की 7.5 करोड़ रुपये मूल्य की आठ संपत्तियों को जब्त कर लिया है क्योंकि आशंका है कि यह राशि अपराध से अर्जित आय है।

ईडी ने कही ये बातें

ईडी ने पहले कहा था कि तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ‘लीप्स एंड बाउंड्स’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं और सीमित अवधि के लिए इसके निदेशक भी रहे हैं। रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने एजेंसी के अनुरोध पर ईडी के संयुक्त निदेशक और ईएसआई अस्पताल द्वारा गठित मेडिकल टीम के एक वरिष्ठ चिकित्सक से कहा कि अदालत के समक्ष आभासी रूप से उपस्थित होने वाले एक आरोपी की आवाज के नमूने की जांच की जाए। ईडी आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की आवाज के नमूने की जांच की मांग कर रही है, जो वर्तमान में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हैं।

42,949 पदो पर निकली थी भर्ती

प्राथमिक बोर्ड के तहत राज्य के विभिन्न स्कूलों में 42,949 घोषित रिक्तियों के सापेक्ष भर्ती की प्रक्रिया के लिए 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की गई थी। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी चार्टर्ड अकाउंटेंट कंपनी ‘एस बसु रे एंड कंपनी’ को दी गई थी। सीबीआई के वकील ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि घोषित परिणाम अपारदर्शी थे और बोर्ड के कर्मचारियों ने अवैध नियुक्तियां करने के लिए कंपनी के साथ साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि नगर निकाय भर्ती घोटाले में सीबीआई की जांच अभी जारी है।