कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 2 मई को आए विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा के सभी मामलों की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) करेगी। कोलकाता उच्च न्यायालय ने मामलों की जांच CBI को सौंपने की मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट की 5 जजों की बेंच में यह फैसला सुनाया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा की जांच CBI से कराने की मांग की थी। भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि हिंसा में उसके 14 कार्यकर्ताओं की जान गई है।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के संरक्षण में हिंसा हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश ने राज्य सरकार को एक्सपोज कर दिया है। हम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं।
पश्चिम बंगाल चुनाव में सत्तारूढ़ दल टीएमसी के चुनाव जीतने के बाद बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। भाजपा ने आरोप लगाया कि उसके कार्यकर्ताओं पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमाल किया और उनकी हत्या कर दी। इस संबंध में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि विपक्षी दलों के सदस्यों और समर्थकों की निर्मम हत्या की गई है, उनके घरों और निजी संपत्ति को नष्ट किया गया है। याचिका में कहा गया है कि इलाकों में बमबारी करने, हत्याएं, महिलाओं का शील भंग करने, दंगे-फसाद, लूटपाट, अपहरण, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने सहित कई जघन्य अपराध हुए हैं। याचिका में राज्य में विरोधी दलों का समर्थन करने वाली महिलाओं के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और शारीरिक हमले की घटनाओं की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के परिणाम दो मई को आए थे और तृणमूल कांग्रेस को 213 सीटों पर विजय हासिल हुई। 294 सदस्यीय राज्य विधानसभा की 292 सीटों पर मतदान हुआ था।