नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने वरिष्ठ नेता दिलीप घोष पर कथित हमले को लेकर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ता राज्य प्रायोजित हिंसा में शामिल हैं। पूरे घटनाक्रम से नाराज बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि अगर हम चुनाव प्रचार नहीं कर सकते तो यहां उपचुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग से भबानीपुर उपचुनाव रद्द करने की मांग की है।
बीजेपी नेता ने कहा कि चुनाव आयोग सब कुछ जानता है। हमने उनसे दिल्ली और कोलकाता में कई बार शिकायत की है। इसके बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। अगर हम मतदाताओं तक नहीं पहुंच सकते तो चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। यहां के लोग लगातार डर में जी रहे हैं।
वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि हाल ही में विधानसभा चुनावों में पार्टी की लगातार तीसरी जीत के बाद से तृणमूल कांग्रेस के आचरण ने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा घोष के साथ कथित बदसलूकी का जिक्र करते हुए कहा, "यह सब टेलीविजन पर देखा जा सकता है, और यह बहुत परेशान करने वाला है। जो हुआ उसने लोकतंत्र की छवि खराब की है।’’
राज्यसभा सदस्य बलूनी ने कहा, "तृणमूल अपने प्रतिद्वंद्वियों को समान मौका नहीं दे रही है। हमारे नेताओं को प्रचार करने भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि तृणमूल के गुंडे राज्य प्रायोजित हिंसा में लिप्त हैं।" उन्होंने कहा कि जब घोष जैसे नेता, जिन्हें सुरक्षा मुहैया करायी गयी है, को इस तरह के हमलों का सामना करना पड़ता है, तो आम आदमी की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।
बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष के साथ कथित तौर पर बदसूली की गयी वहीं पार्टी सांसद अर्जुन सिंह के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने वापस जाओ के नारे लगाए जब वे चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भबानीपुर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार कर रहे थे। भबानीपुर सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार का मुकाबला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से है। इस बीच तृणमूल ने आरोप लगाया कि घोष के अंगरक्षक ने भीड़ को डराने के लिए हथियार लहराए थे।
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