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बंगाल में पुनर्मतदान के दिन हिंसा का बड़ा प्लान फेल, खेत और तालाब से बरामद हुए 35 बम

पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में हिंसा का पुराना इतिहास है। लेफ्ट शासन में 2003 में हिंसा के दौरान 70 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। 2008 में चुनावी हिंसा में 36 लोगों की मौत हुई थी। इस बार भी 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई। मतदान के दिन तो इस हिंसा ने विकराल रूप धारण कर लिया।  कई जगह मतपेटियों में आग लगा दी गई। चुनाव अधिकारियों के साथ भी मारपीट की खबरें सामने आईं। इसके साथ ही हिंसा में कई लोगों की मौत भी हुई, जिसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने आज सोमवार को 697 बूथों पर पुनर्मतदान का ऐलान किया था। लेकिन असामाजिक तत्वों ने आज भी हिंसा का पूरा प्लान बना रखा था। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने उनके तमाम प्लानों पर पानी फेर दिया। 

खेत और तालाब से बरामद हुए 35 देशी बम 

इसी क्रम में सुरक्षा बलों को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा इलाके में एक तालाब और एक खेत से देशी बम होने की सूचना मिली, जिसके बाद वहां तुरंत बम निरोधक दस्ते को भेजा गया। इस खेत और तालाब से बम निरोधक दस्ते ने 35 देशी बम बरामद किए गए। टीम ने इन्हें वहीं निष्क्रिय कर दिया। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इन बमों को यहां कौन लाया था। 

बता दें कि पांच जून को पंचायत चुनाव के नामांकन की घोषणा के साथ ही राज्य में खूनी खेल शुरू हो गया था। चुनाव प्रचार से लेकर मतदान के दिन तक हिंसा, बमबारी और खूनी खेल जारी रहा और चुनाव के बाद भी हिंसा का तांडव चल ही रहा है। पिछले 30 दिनों में चुनावी हिंसा में अब तक लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग घायल भी हैं। हिंसा को काबू में करने के लिए हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को राज्यभर में केंद्रीय अर्धसैनिक बल को तैनात करने का आदेश दिया था, लेकिन इससे भी हिंसा पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका था।  

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