Bengal Teacher Recruitment Scam: टीचर भर्ती मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अर्पिता मुखर्जी ने कोलकाता के टॉलीगंज और बेलघरिया में उनके दो आवासों से लगातार दो बार भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद होने के बाद गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने कबूल किया कि बरामद पैसा पार्थ चटर्जी का है। अर्पिता के मुताबिक मुझे नहीं पता पैसा कहां से आया और कैसे कमाया गया। इसी बीच ईडी जल्द अर्पिता और पार्थ चटर्जी को आमने.सामने बैठाकर पूछताछ की तैयारी कर रहा है। अर्पिता के मुताबिक, मैंने इस पैसे का इस्तेमाल नहीं किया।
अर्पिता ने ये कहकर बरामदगी से पल्ला झाड़ा
इसी बीच ईडी ने तीन बैंक खाते भी सील किए जिसमें करीब ढाई करोड़ रुपये जमा हैं। सूत्रों के मुताबिक अर्पिता का कहना है कि पार्थ चटर्जी के लोग उसके घर में एक कमरे में पैसा रखकर चले जाते थे। उस कमरे में जाने की इजाजत अर्पिता को नहीं थी। अलमारी में लॉक भी उनका आदमी ही लगाता था। फिलहाल अर्पिता ने पूरी बरामदगी से पल्ला झाड़ लिया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने आज सुबह अर्पिता मुखर्जी के उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट पर लगभग 18 घंटों से चल रही अपनी रेड को अब खत्म कर दिया।
इस रेड में अर्पिता मुखर्जी के घर से 20.21 करोड़ नहीं बल्कि पूरे 29 करोड़ रुपए के साथ-साथ 5 किलो सोना भी बरामद किया गया है। ईडी के अधिकारी वहां से लगभग 29 करोड़ रुपये की नकदी को 10 स्टील के बक्सों में भर कर वहां से निकल गए हैं। यानि अगर अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से रेड में मिली रकम को जोड़ दिया जाए तो वह 50 करोड़ हो जाएगी। क्योंकि बीते दिनों उनके दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के एक दिन बाद 23 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
पैसा गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन
रेड में शामिल एक अधिकारी ने मीडिया को बताया हमने रुपयों की गिनती के लिए तीन मशीनें मंगवाईं ताकि पता चले कि वास्तव में कितनी राशि है। उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।