एक विशेष अदालत ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की ज्यूडिशियल कस्टडी एक महीने के लिए बढ़ा दी। संयोग से, बुधवार को भी ईडी ने उसी अदालत में एक सप्लिमेंट चार्जशीट दाखिल किया, जहां केंद्रीय एजेंसी ने माणिक भट्टाचार्य, उनके बेटे सौविक भट्टाचार्य और पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य को नामजद किया था।
7 जनवरी 2023 को होगी कोर्ट में पेशी
माणिक भट्टाचार्य को 7 जनवरी 2023 को इसी कोर्ट में पेश किया जाएगा। बुधवार को भट्टाचार्य के वकील संजय दासगुप्ता ने स्वास्थ्य और चिकित्सा आधार पर जमानत याचिका दायर की। दासगुप्ता ने ED के वकील के इन दावों का खंडन किया कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते भट्टाचार्य जमानत पर रिहा होने पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। दासगुप्ता ने तर्क दिया, "ऐसा लगता है कि ईडी को राज्य की सत्ताधारी पार्टी से खास एलर्जी है और इसीलिए केंद्रीय एजेंसी के वकील इस तथ्य पर इतना जोर दे रहे हैं कि मेरा मुवक्किल सत्तारूढ़ दल का नेता है। इसका कोई सबूत नहीं है कि मेरे मुवक्किल ने कभी किसी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास किया।
एक महीने के लिए बढ़ाई गई ज्यूडिशियल कस्टडी
दूसरी ओर, ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने दावा किया कि भट्टाचार्य के करीबी सहयोगी और ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मंडल ने स्वीकार किया है कि वह विभिन्न निजी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों से भट्टाचार्य के लिए पैसे वसूलने के लिए जिम्मेदार थे। इडुल्जी ने तर्क दिया, "ईडी ने मामले में 61 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और लगभग 8 करोड़ रुपये की जमीन और संपत्ति जब्त कर ली है।" बुधवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद PMLA की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कुछ समय के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, बाद में बुधवार शाम को फैसला सुनाया गया और भट्टाचार्य की न्यायिक हिरासत एक महीने के लिए बढ़ा दी गई।