कोलकाता: हाल ही में तृणमूल कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आए पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी और सांसद सुनील मंडल को शनिवार को कोलकाता में बीजेपी कार्यालय के समीप कथित रूप से सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह ‘स्वत:स्फूर्त विरोध’ ‘दलबदलुओं के खिलाफ जनाक्रोश’ को दर्शाता है। पुलिस ने बताया कि यह घटना उस समय घटी, जब दोनों नेता कोलकाता के हेस्टिंग्स इलाके में अपनी कार में थे। बीजेपी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने मंडल की कार पर उस वक्त पथराव किया, जब वह पार्टी कार्यालय जा रहे थे।
‘कार के शीशे पीटे, पत्थर भी फेंके’
बैरकपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने कहा, ‘एक कार्यक्रम में भाग ले रहे कुछ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी कार रोकी। वे उन्हें दफ्तर जाने से रोकने के लिए सड़क पर बैठ गए। उन्होंने कार के शीशे पीटे और उस पर पत्थर भी फेंके।’ उन्होंने कहा कि इसके बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली, जिसके बाद मंडल की कार वहां से निकल सकी। मंडल ने कहा, ‘इससे तृणमूल का असली रंग सामने आ गया। वे किसी भी लोकतांत्रिक नियम को नहीं मानते। जन प्रतिनिधि से क्या इस तरह का बर्ताव किया जाता है?’
शुभेंदु के सामने भी हुई नारेबाजी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुभेंदु अधिकारी के सामने भी कथित तृणमूल कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। उस समय पूर्व मंत्री बीजेपी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर जा रहे थे। कार्यक्रम में अधिकारी ने कहा कि वह 21 सालों तक ‘अत्याचारी’ तृणमूल का हिस्सा रहकर शर्मिंदा महसूस करते हैं। उल्लेखनीय है कि अधिकारी के साथ 5 तृणमूल विधायक और वर्धमान पूर्व के सांसद मंडल 19 दिसंबर को मेदिनीपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में बीजेपी में शामिल हुए थे। तृणमूल ने इस घटना को दल-बदलुओं के खिलाफ लोगों का आक्रोश बताया।
‘यह दल-बदलुओं के खिलाफ आक्रोश था’
तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘यह दल-बदलुओं के खिलाफ लोगों का आक्रोश था और विरोध प्रदर्शन अकस्मात शुरू हुआ।’ बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शाह को मंडल की गाड़ी पर हमले के बारे में सूचित कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर पहले के हमले और आज मंडल की कार पर पथराव दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। तृणमूल कांग्रेस अपने राजनीतिक विरोधियों की लोकतांत्रिक गतिविधियों को नहीं होने दे रही है।’