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Hindi News पश्चिम बंगाल मिदनापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला की मौत के मामले में 12 डॉक्टरों पर गिजी गाज, CID भी लेगी एक्शन

मिदनापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला की मौत के मामले में 12 डॉक्टरों पर गिजी गाज, CID भी लेगी एक्शन

घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय समिति गठित की। राज्य सरकार ने सीआईडी से जांच के भी आदेश दिए हैं। गंभीर रूप से बीमार तीन महिलाओं को इलाज के लिए एमएमसीएच से कोलकाता के एसएसकेएम (सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल) अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

मिदनापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल- India TV Hindi Image Source : MIDNAPOREMMC.AC.IN मिदनापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने मिदनापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 12 डॉक्टरों को गुरुवार को निलंबित कर दिया। कथित तौर पर 'एक्सपायर्ड' अंत:शिरा द्रव (आईवी फ्यूइड) देने के कारण प्रसव के बाद एक महिला और नवजात की मौत हो गई थी। जबकि चार अन्य बीमार हो गई थी। घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार मृतक महिला के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देगी।

इन डॉक्टरों पर गिरी गाज

ममता बनर्जी ने कहा कि हमने कई डॉक्टरों की लापरवाही पाई है और उनमें से 12 को निलंबित करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि निलंबित डॉक्टरों में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप-प्रिंसिपल (एमएसवीपी), आरएमओ, विभाग प्रमुख, एक वरिष्ठ रेजिडेंट और छह स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर शामिल हैं। मेदिनापुर में जो लोग ड्यूटी पर थे वे महिला को बचा सकते थे। ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोग जो ड्यूटी पर होने के बावजूद अनुपस्थित थे।

सीआईडी दर्ज करेगी केस
 
बनर्जी ने कहा कि सीआईडी ​​डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी और जांच जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटरों के बाहर सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं थे।
उन्होंने मुख्य सचिव मनोज पंत और स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को सभी अस्पतालों में ओटी के बाहर तुरंत सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिये।

हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को दिया ये निर्देश

वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि मामले से संबंधित तथ्यों पर एक समग्र रिपोर्ट दाखिल की जाए। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने इसके साथ ही केंद्र सरकार के उचित प्राधिकारी को निर्देश दिया कि वह संबंधित दवाओं की आपूर्ति करने वाली दवा कंपनी के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट दाखिल करें।

महिला की मौत की सीबीआई जांच की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि मामले की 30 जनवरी को दोबारा सुनवाई होगी, जब पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार की ओर से अपनी-अपनी रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। अदालत ने दवा कंपनी को जवाब में हलफनामा दाखिल करने की छूट दी। पीठ ने कहा कि वह यह विचार करेगी कि रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल होने के बाद आगे क्या निर्देश जारी किए जाने की जरूरत है। 

इनपुट- पीटीआई