Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से अब तक 134 लोगों की हुई मौत के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सोमवार को राज्य के सभी केबल पुलों की स्थिति पर अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। राज्य सचिवालय नबन्ना के सूत्रों के मुताबिक, ये केबल पुल मुख्य रूप से तराई और डूआर क्षेत्रों के जंगलों और उत्तरी बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों पर हैं।
पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों से अगले 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई
राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री पुलक रॉय ने इस मामले में सभी जिला पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों से अगले 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। राय ने मंगलवार को शाम 4:00 बजे राज्य सचिवालय में विभाग के शीर्ष नौकरशाहों और इंजीनियरों की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी भी शामिल होंगे। पीडब्ल्यूडी के सूत्रों ने कहा कि रॉय हाल के दिनों में किए गए नवीनीकरण कार्यो की रिपोर्ट सहित जिलों में केबल पुलों के स्वास्थ्य के बारे में ताजा जानकारी चाहते हैं।
पुलों के मामले में सावधानी बरतने के लिए कदम उठाया गया
कोलकाता में मार्च, 2016 में निर्माणाधीन विवेकानंद रोड फ्लाईओवर गिर गया था, जिसमें 27 लोग मारे गए थे। उसके बाद राज्य की राजधानी में सभी प्रमुख पुलों और फ्लाईओवर के नियमित रखरखाव और नवीनीकरण के लिए विशेष सावधानी बरती गई थी। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, "मंत्री यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में मोरबी जैसी किसी भी आपदा से बचने के लिए जिलों में पुलों के मामले में इसी तरह की सावधानी बरती जाए।"
बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच वार-पलटवार जारी
गौरतलब है कि मोरबी केबल ब्रिज हादसे को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है, जबकि तृणमूल नेताओं ने दावा किया है कि पुल का गिरना गुजरात में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के नतीजे का एक बड़ा उदाहरण है। इसके बाद उनके बीजेपी समकक्षों ने सत्तारूढ़ दल को पश्चिम बंगाल में पुल गिरने की पिछली घटनाओं की याद दिला दी।