कोलकाता: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को दावा किया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले और अन्य इलाकों में भड़की हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की खुफिया विफलता जिम्मेदार है। रंजन ने केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने शायद हिंसा टालने के लिए बहुत कुछ नहीं किया, क्योंकि वह स्थिति का फायदा उठाना चाहती थी। चौधरी ने साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह अपने खिलाफ उठने वाले हर मुद्दे को ‘राष्ट्र विरोधी, पाकिस्तानी या खालिस्तानी’ बता देती है।
किसानों की पुलिस से हुई थी झड़प
गौरतलब है कि 3 कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर्स पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालनी थी लेकिन इस परेड के दौरान हिंसा हो गई। इस दौरान दिल्ली में कई स्थानों पर उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। बता दें कि कई प्रदर्शनकारी लाल किले पहुंच गए और वहां के गुंबदों और किले की प्राचीर पर ध्वज स्तंभ पर झंडे लगा दिए। बता दें कि जिस स्तंभ पर प्रदर्शनकारियों ने झंडे लगाए थे वहां स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
'कुछ किसानों ने अलग रास्ता लिया'
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए रास्ते बताए थे। उन्होंने कहा, ‘लेकिन कुछ किसानों ने अलग रास्ता ले लिया और उनमें से कुछ लाल किले में घुस गए। यह निश्चित रूप से दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों की खुफिया विफलता है।’ चौधरी ने बीजेपी पर आरोप लगाया गया कि उसके खिलाफ उठाए जाने वाले हर मुद्दे को वह ‘राष्ट्र विरोधी, पाकिस्तानी या खालिस्तानी’ बताती है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘मुझे लगता है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर इसे (26 जनवरी की घटना को) होने दिया ताकि वह स्थिति का फायदा उठा सके।’ (भाषा)