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Hindi News पश्चिम बंगाल Adenovirus in West Bengal: पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस का कहर, 9 दिन में 40 बच्चों की मौत, जानें लक्षण

Adenovirus in West Bengal: पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस का कहर, 9 दिन में 40 बच्चों की मौत, जानें लक्षण

अस्पताल सूत्रों ने इन चारों मौतों की पुष्टि सुबह 10.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच की, लेकिन उनकी पहचान अभी उजागर नहीं की गई है। पिछले 13 घंटों में मरने वाले सभी बच्चों का इलाज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे सामान्य एडेनोवायरस लक्षणों के लिए किया जा रहा था।

Adenovirus in West Bengal Adenovirus spread in West Bengal 40 children died in 9 days know symptoms - India TV Hindi Image Source : FREEPIK बंगाल में एडेनोवायरस के बढ़े मामले

Adenovirus in West Bengal: पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस इन दिनों कहर ढा रहा है। यहां एडेनोवायरस का खतरा और बढ़ गया है। पिछले छह घंटों में कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती चार और बच्चों की मौत हो गई है। नौ दिनों में बच्चों की मौत का आंकड़ा अब 40 हो गया है। रविवार की सुबह तक दो बच्चों आतिफा खातून (18 महीने) और अरमान गाजी (4 साल) की मौत की सूचना बी.सी. रॉय चिल्ड्रन हॉस्पिटल से मिली थी। हालाकि, शाम 4 बजे तक उसी अस्पताल से चार और बच्चों की मौत की सूचना मिली, जिससे दिन में मरने वालों की संख्या छह हो गई।

40 बच्चों की हुई मौत

अस्पताल सूत्रों ने इन चारों मौतों की पुष्टि सुबह 10.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच की, लेकिन उनकी पहचान अभी उजागर नहीं की गई है। पिछले 13 घंटों में मरने वाले सभी बच्चों का इलाज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे सामान्य एडेनोवायरस लक्षणों के लिए किया जा रहा था। लेकिन बच्चे ठीक नहीं हो रहे थे। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही डॉक्टरों, विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों की विशेष देखभाल की जाय। बच्चे एडेनोवायरस से प्रभावित होने के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं।

कैसे फैलता है एडेनोवायरस और लक्षण

एडेनोवायरस के सामान्य लक्षण फ्लू जैसे हैं, जिनमें सर्दी, बुखार, सांस लेने में समस्या, गले में खराश, निमोनिया और तीव्र ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। वायरस त्वचा के संपर्क, हवा से खांसने और छींकने और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है। अब तक, वायरस के इलाज के लिए कोई अनुमोदित दवाएं या कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। बता दें बच्चों में एडेनोवायरस अमूमन श्वास तंत्र और आंत्र निलिका में संक्रमण का कारण बनता है। डॉक्टरों की मानें तो 0-2 साल के उम्र के बच्चों को इससे संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। वहीं 2-5 साल वाले बच्चों को इससे संक्रमण का अधिक खतरा होता है। वहीं 5-10 सील व इससे उपर के बच्चों में संक्रमण की आशंका कम होती है।

(इनपुट-आईएएनएस)

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