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पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में गंगा नदी में समा गए कई गांव, 400 परिवार बेघर

पंचायत प्रमुख सीमा हलदर ने बताया कि राहत के तौर पर इन परिवारों को चावल, चिउड़ा और गुड़ मुहैया कराया गया है।

Families Left Homeless, Families Left Homeless Malda, Malda Ganga Erosion- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTSTIONAL पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में करीब 400 परिवार गंगा के कटान में गांवों के नदी में समा जाने से बेघर हो गए हैं।

इंग्लिश बाजार: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में करीब 400 परिवार गंगा के कटान में गांवों के नदी में समा जाने से बेघर हो गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कालियाचक-3 ब्लॉक के बीरनगर-1 पंचायत के सरकारटोला, मुकुंदटोला और लालूटोला गांव का अधिकतर हिस्सा कटान की वजह से गंगा नदी में समा गया है। उन्होंने बताया कि घटना में प्रभावित परिवारों को विभिन्न स्कूलों और अन्य स्थानों पर बनाए शिविर में आश्रय दिया गया हैं।

‘परिवारों को चावल, चिउड़ा और गुड़ दिया गया’
पंचायत प्रमुख सीमा हलदर ने बताया कि राहत के तौर पर इन परिवारों को चावल, चिउड़ा और गुड़ मुहैया कराया गया है। उन्होंने बताया कि कई घर, मंदिर,पानी की टंकी,सड़क और धान के खेत कटान की वजह से नदी में समा गए हैं। हलदर ने बताया कि रविवार को करीब 10 घंटे के भीतर 500 मीटर लंबा और 150 मीटर चौड़ा इलाका कटान की वजह से नदी में समा गया। अधिकारियों ने बताया कि अबतक करीब 3000 लोग विस्थापित हुए हैं। पश्चिम बंगाल की सिंचाई मंत्री सबीना यास्मीन ने जिलाधिकारी राजर्षि मित्रा के साथ इलाके का दौरा किया और हालात पर चर्चा की।

‘गंगा नदी में कटान राष्ट्रीय समस्या है’
यास्मीन ने कहा कि गंगा नदी में कटान राष्ट्रीय समस्या है और केंद्र सरकार को इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं पहले ही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कर चुकी हूं।’ मित्रा ने कहा कि यह इलाका फरक्का बैराज परियोजना प्राधिकरण के न्यायाधिकार क्षेत्र में है जो केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय के तहत कार्य करता है। उन्होंने कहा,‘मैंने इस मुद्दे को फरक्का बैराज परियोजना प्राधिकरण के समक्ष कई बार उठाया। उन्होंने बताया कि गंगा का बढ़ता जलस्तर कोई कदम उठाने में बाधा उत्पन्न कर रहा है। फिर भी हम देख रहे हैं कि क्या किया जा सकता है।’