पश्चिम बंगाल में काल बैशाखी तूफान का असर दिख रहा है। गुरुवार को तूफान के कारण तेज हवा चलने से गिरे आम बीनने गए बच्चों पर बिजली गिर गई। इस घटना में दो बच्चों की मौत हो गई। बिजली गिरने के कारण कुल 11 मौतें हुई हैं। सभी मौतें पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हुईं। यहां मालदा और मुर्शिदाबाद में तूफान का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला। आकाशीय बिजली की चपेट में आए दोनों बच्चे आम बीनने के लिए आम के बगीचे में गए थे। दोनों बच्चे मनिकचक थाना क्षेत्र के रहने वाले थे।
मालदा थाना क्षेत्र के शाहपुर के रहने वाले तीन लोगों की भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हुई है। गजोल थाना क्षेत्र के अदिना के रहने वाले और रतुआ थाना क्षेत्र के बालपुर के रहने वाले एक व्यक्ति की भी बिजली की चपेट में आने से मौत हुई है। हरिशचंद्रपुर में एक खेत में काम कर रहे पति-पत्नी की भी बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतकों में अन्य इंग्लिशबाजार और मनिकचक थाना क्षेत्र के रहने वाले थे।
क्या है काल बैशाखी?
काल बैशाखी एक तरह का तूफान या बारिश का क्रम होता है, जिसमें कुछ विशेष क्षेत्रों में भारी बारिश होती है। कई बार ओले गिरने के साथ बारिश होती है। बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलती हैं। आमतौर पर पश्चिम बंगाल और अन्य पूर्वी राज्यों में ऐसा होता है। काल बैशाखी मार्च से लेकर उत्तर-पूर्वी भारत में मानसून आने तक जारी रहता है। इसका असर बैशाख (वैशाख) के महीने में ज्यादा होता है। इस वजह से इसे काल बैशाखी कहते हैं। इसे असम में बोर्डेइसिला और नॉरवेस्टर के नाम से भी जाना जाता है। झारखंड, ओडिशा और त्रिपुरा में भी इसका असर देखने को मिलता है। बांग्लादेश में भी काल बैशाखी का असर होता है।
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