जीरो वॉट का बल्ब तो आपने देखा ही होगा। मिडिल क्लास की हर फैमिली में इस बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है। इसे लोग इसलिए लगाते हैं ताकि बिजली की खपत ना हो। लोगों के मन में यह बात होती है कि अगर हम जीरो वॉट का बल्ब लगाएंगे तो बिजली खर्च नहीं होगी। लेकिन यह आपका भ्रम है। दरअसल, जीरो वॉट का बल्ब अच्छा-खासा बिजली की खपत करता है। आज हम आपके इसी भ्रम को दूर करने के लिए आए हैं और साथ में यह भी बताएंगे कि जब ये बल्ब बिजली की खपत करता है तो फिर इसे जीरो वॉट का बल्ब क्यों कहते हैं।
इतनी बिजली की खपत करता है ये बल्ब
बता दें कि जीरो वॉट का बल्ब 12-15 वॉट तक की बिजली का इस्तेमाल करता है। लेकिन आज कल बाजार में ऐसे भी जीरो वॉट के बल्ब उपलब्ध हैं, जो 1 वॉट बिजली की खपत करते हैं। ऐसे बल्ब एलईडी जीरो वॉट बल्ब कहलाते हैं। यानी कुल मिलाकर कहें तो जीरो वॉट बल्ब जैसी कोई चीज होती ही नहीं हैं। अगर कोई भी बल्ब जलेगा तो वह कुछ ना कुछ बिजली की खपत जरूर करेगा। जीरो वॉट बल्ब का मतलब ये हुआ कि इसमें बिजली की खपत ना हो। लेकिन जब तक बिजली की खपत नहीं होगी तब तक बल्ब जलेगा ही नहीं।
...तो इसलिए कहा जाता है जीरो वॉट
आइए अब आपको बताते हैं कि इस बल्ब को जीरो वॉट के नाम से क्यों जाना जाता है। दरअसल, जब इस बल्क का आविष्कार हुआ था, तब ज़्यादातर घरों में एनालॉग पावर मीटर लगे थे। जो 15 वॉट तक की बिजली के खर्च होने पर नहीं घूमते थे। इसलिए लोग पहले अपने घरों में जीरो वॉट का बल्ब लगाते थे क्योंकि अगर आप पूरे घर की बिजली बंद कर दें और एक जीरो वॉट का बल्ब जलाएं, तो उस समय बिजली का बिल नहीं आता था। हालांकि, आज कल डिजीटल मीटर हर एक वॉट को डिटेक्ट कर लेते हैं और उसका बिल हमें चुकाना पड़ता है। इसलिए अब घरों से जीरो वॉट के बल्ब धीरे-धीरे गायब होने लगे हैं।
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