A
Hindi News वायरल न्‍यूज साड़ी लपेटा और सिर पर लिया मटका, पानी की समस्या को लेकर सरपंच ने सरकारी ऑफिस के सामने किया विरोध-प्रदर्शन

साड़ी लपेटा और सिर पर लिया मटका, पानी की समस्या को लेकर सरपंच ने सरकारी ऑफिस के सामने किया विरोध-प्रदर्शन

साड़ी पहने संभाजीनगर के गेवराई पायगा गांव के सरपंच मंगेश साबले ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास मीणा के ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके सिर पर पानी भरने का बर्तन भी था।

सरपंच मंगेश सांबले- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA सरपंच मंगेश सांबले

पानी की समस्या को लेकर एक सरपंच ने जो कुछ भी किया वह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, 
छत्रपति संभाजी नगर में एक सरपंच ने अपने क्षेत्र की महिलाओं की समस्याओं और पानी की समस्या को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। जहां सरपंच ने साड़ी पहन, हाथों में पानी का बर्तन लिए जिला परिषद के कार्यालय पहुंच गए। जिसका वीडियो उन्होंने अपने फेसबुक पर लाइव आकर शेयर किया।

महिला के वेशभूषा में सरपंच पहुंचे सरकारी दफ्तर

वीडियो में दिख रहे सरपंच का नाम मंगेश साबले है और वे संभाजीनगर के गेवराई पायगा गांव के सरपंच हैं।  मंगेश साबले ने साड़ी पहनकर और सिर पर पानी का मटका लिए पानी की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। महिला के लिबास में वे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास मीणा के ऑफिस पहुंचे और विरोध दर्ज कराया। अपने इस विरोध-प्रदर्शन में उन्होंने गांव में महिलाओं की समस्याओं को भी उठाने का प्रयास किया।

वीडियो में सरपंच ने पानी की समस्या को लेकर उठाई आवाज

वीडियो में देखा जा सकता है कि सरपंच साड़ी पहने, सिर पर मटका लिए सरकारी दफ्तर पहुंचे हैं। वीडियो में वे गांव की परेशानियों को बयां करते दिख रहे हैं। वीडियो में सरपंच मंगेश साबले को यह कहते हुए सुना जा सकता है,'नमस्ते दोस्तों मैं मंगेश साबले बोल रहा हूं। आज मैं सरपंच बनकर जिला परिषद कार्यालय नहीं आया हूं, आज मैं अपने गांव की महिलाओं की आवाज बनकर यहां आया हूं। मेरे गांव की महिलाओं को पानी लेने के लिए दो किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है।  पहले तो साफ पानी नहीं मिला तो विरोध किया। आज लगभग दो साल हो गए हैं। जलजीवन मिशन का काम 2020 में शुरू हुआ है। चार साल हो गये, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। उद्घाटन हुआ, एक करोड़ 80 लाख रूपए का बजट भी लगा, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ। पूरे जिले में यही स्थिति है। मेरे गांव की स्थिति बताने के लिए मुझे महिलाओं के भेष में यहां आना पड़ा है।