महिला को आए 83 दिन तक लगातार पीरियड्स, खून से रही लथपथ, मामला देख डॉक्टर भी रह गए हैरान
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में एक महिला को लगातार 83 दिन तक पीरियड्स आए। इससे उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि उसे खून चढ़ाना पड़ गया।
महिलाओं के लिए उनके पीरियड्स वाले दिन काफी कठीन होते हैं। ये दिन दर्द से उन्हें गुजारने पड़ते है। आमतौर पर पीरियड्स 2 से 7 दिन तक होते हैं। लेकिन एक महिला को लगातार लगभग 3 महीने तक पीरियड्स के दर्द को झेलना पड़ गया। महिला के इस मामले को देख कर डॉक्टर भी हैरान रह गए। महिला की हालत इतनी खराब हो गई कि उसे खून चढ़ाना पड़ गया। महिला अमेरिका के नॉर्त कैरोलिना की रहने वाली है और वह पेशे से एक लेखिका है। महिला कानाम रॉनी माय है। रॉनी ने बताया कि उसे लगातार 83 दिन तक इस दर्द को झेलना पड़ा।
डॉक्टरों को भी नहीं हुआ यकीन
महिला जब अपने इस हालत को लेकर डॉक्टर के पास गई तो पहले तो डॉक्टर भी यह सुनकर यकीन नहीं कर पाएं। उन्होंने रॉनी से पूछा कि क्या आप सच कह रही हैं कि आपको इतनी ज्यादा ब्लीडिंग हुई है। फिर रॉनी ने बताया कि पहले तो उन्हें कई साल तक पीरियड्स नहीं आए थे फिर 2015 में उन्हें PCOS हो गया था। PCOS में महिलाओं के गर्भाश्य की परत मोटी हो जाती है जिससे उन्हें ज्यादा दिन तक हैवी पीरियड्स का सामना करना पड़ता है। हालांकि महिला ने डॉक्टर को यह भी बताया कि पीरियड्स के दौरान उसे हमेशा से ज्यादा ब्लीडिंग होती थी। लेकिन 2018 में एक दिन वह अपने डेस्क से उठी तो उन्होंने खुद को खून से लथपथ पाया।
'खून से लथपथ हो गई थी मैं'
महिला ने बताया कि जब वह ऑफिस से घर आईं तो उनके पैरों से खून बहे ही जा रहा था। जिसके बाद वह घर पर टैम्पून्स और पैड्स के सारे पैकेट्स लगभग 1 घंटे में ही खत्म हो गए। उसे इतना दर्द हो रहा था कि वह चिल्ला रही थी। वह दर्द कम करने के लिए हीटिंग पैड्स का भी इस्तेमाल कर रही थी लेकिन उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ा जिसके बाद उसे अंतत: हॉस्पिटल जाने की जरूरत पड़ गई। जिसके बाद वह हॉस्पिटल पहुंची।
एक हफ्ते अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा
हॉस्पिटल में तमाम उपाय के बाद रॉनी की तकलीफ थोड़ी कम हुई। फिर डॉक्टरों ने उनसे पूछा कि क्या अभी भी आपको उतनी ही ब्लीडिंग हो रही जितना आप बता रही। रॉनी ने बताया कि एक अश्वेत महिला होने के नाते डॉक्टर मुझ पर भरोसा नहीं कर रहे थे। मुझे अपने इस हालात से इतना डर लग रहा था कि मैं घर वापस नहीं जाना चाहती थी। फिर मैं एक हफ्ते तक हॉस्पिटल में ही एडमिट रही। इस दौरान मुझे कई बार पैनिक अटैक आया और कई बार ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल उपर नीचे होता रहा। इसके बाद उसे कई बार खून चढ़ाना पड़ा। इन सबके बाद मुझे एक सर्जिकल प्रोससे से गुजरना पड़ा तब जाकर मुझे कहीं इस मुसीबत से छुटकारा मिला।