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Hindi News वायरल न्‍यूज Whatsapp पर शख्स ने मैसेज कर मांगा सीढ़ी, नाम गूगल किया तो Rapido का कोफाउंडर निकला

Whatsapp पर शख्स ने मैसेज कर मांगा सीढ़ी, नाम गूगल किया तो Rapido का कोफाउंडर निकला

बेंगलुरु में रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने लिंक्डइन पर पोस्ट शेयर किया। जिसमें शख्स ने बताया कि उसके पड़ोस में रैपिडो का कोफाउंडर रहता है और वह व्हाट्स एप पर मैसेज कर सीढ़ी मांग रहा था।

Whats app Chat हुआ वायरल।- India TV Hindi Image Source : LINKEDIN Whats app Chat हुआ वायरल।

बेंगलुरु को स्टार्टअप का शहर भी कहा जाता है। यहां हर दूसरा बंदा आपको किसी कंपनी का फाउंडर या कोफाउंडर मिल जाएगा। फिलहाल सोशल मीडिया पर एक चैट का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक शख्स अपने पड़ोसी से मैसेज कर के सीढ़ी मांग रहा है। पड़ोसी ने सीढ़ी मांगने वाले शख्स के बारे में पता किया तो वह रैपिडो का कोफाउंडर निकला। फिलहाल यह चैट खूब वायरल हो रहा है।

पड़ोस में रहने वाले ने मैसेज कर मांगा सीढ़ी

बेंगलुरु में रहने वाले आकाशलाल बाथे नाम के एक यूजर ने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि रैपिडो का कोफाउंडर है। रैपिडो के कोफ्रउंडर ने अपने काम के लिए सीढ़ी मांगा था और उसने एक ग्रुप पर मैसेज किया था। आकाशलाल बाथे ने बताया कि शख्स के सीढ़ी मांगने वाले मैसेज को देखकर उसने उसकी डीपी देखी। आकाशलाल ने उससे उसका प्रोफेशन पूछा? बाथे ने पूछा कि क्या वह बिजनेसमैन या कोई फोटोग्राफर है? उधर से रिप्लाई आया- नहीं, वह कोई फोटोग्राफी या पॉडकास्ट नहीं करता। फिर बाथे ने पूछा कि उसका रैपिडो के साथ क्या कनेक्शन है। फिर जब शख्स ने उसका नाम गूगल किया तो उसकी आंखे फटी की फटी रह गई।

नाम गूगल किया तो निकला रैपिडो का कोफाउंडर

सच्चाई पता चलने के बाद आकाश लाल ने बताया कि उसने उस शख्स का नाम जब गूगल किया तो वह रैपिडो का कोफाउंडर निकला। जिसके बाद उसने इस बात का जिक्र करते हुए लिंक्डइन पर पोस्ट भी डाला और लिखा कि ऐसा सिर्फ बेंगलुरु में ही हो सकता है। जब आपके पड़ोस में किसी कंपनी का कोफाउंडर बैठा हो और आपको इस बात का पता ही न हो। आकाश लाल के इस पोस्ट पर कई लोग रैपिडो के कोफाउंडर का नंबर भी मांगते हुए नजर आए। रैपिडो को साल 2015 में अरवींद साका, पवन गंटुपल्ली और एस.आर ऋषिकेश ने शुरू किया था। फिलहाल इस चैट से किसी के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है। वहीं आकाश लाल बाथे बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं। 

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