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Hindi News वायरल न्‍यूज 100 साल के पिता और 75 वर्ष के बेटे के बीच नहीं देखा होगा ऐसा प्रेम, देखें वायरल VIDEO

100 साल के पिता और 75 वर्ष के बेटे के बीच नहीं देखा होगा ऐसा प्रेम, देखें वायरल VIDEO

इस वीडियो को हरियाणा सरकार में कृषि सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि 100 वर्ष की आयु से ऊपर के पिता और 75 वर्ष के पुत्र के बीच का यह वात्सल्य प्रेम भला आजकल कहां मिलता है।

100 साल के पिता और 75 वर्ष के बेटे के बीच नहीं देखा होगा ऐसा प्रेम- India TV Hindi Image Source : SCREENSHOT 100 साल के पिता और 75 वर्ष के बेटे के बीच नहीं देखा होगा ऐसा प्रेम

नई दिल्ली: आज कथित आधुनिकता के समय में रिश्ते खत्म होते जा रहे हैं। रिश्तों का मोल कम होता जा रहा है। बेटा पिता का ख्याल नहीं रख रहा तो बहुओं के लिए उनके सास-ससुर एक बोझ बन गए हैं। कई बार तो बच्चे अपने मां-बाप पर हाथ तक उठा देते हैं। इस दौरान वह यह नहीं सोचते कि जो व्यवहार वह अपने माता-पिता के साथ कर रहे हैं, अगर यही व्यवहार उनके भी बच्चों ने उनके साथ किया तो वह क्या करेंगे? सोशल मीडिया पर तमाम ऐसी वीडियो वायरल होती हैं, जिन्हें देखकर रिश्तों से भरोसा उठ जाता है। ऐसे दौर पर रिश्तों को प्राथमिकता देने के मामले बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खुबसूरत वीडियो वायरल हुआ है, जिसकी हर कोई तारीफ़ कर रहा है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 

इस वायरल वीडियो को हरियाणा सरकार में कृषि सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने ट्वीट किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग व्यक्ति बेड पर लेता हुआ है और उसके पास बैठा हुआ एक अन्य बुजुर्ग व्यक्ति किसी गाने की धुन गुनगुनाकर लेते हुए व्यक्ति का मनोरंजन कर रहा है। इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य भी वहीं बैठे हैं। बताया जा रहा है कि लेते हुए व्यक्ति की उर 100 वर्ष से भी ऊपर है और बैठा हुआ व्यक्ति उसका बेटा है। बेटे की भी उम्र 75 वर्ष से ऊपर है। 

इस वीडियो को ट्वीट करते हुए सुमिता मिश्रा लिखती हैं कि 100 वर्ष की आयु से ऊपर के पिता और 75 वर्ष के पुत्र के बीच का यह वात्सल्य प्रेम कहां मिलता है आजकल भला! आने वाली पीढ़ियाँ क्या ऐसे भाव को बचा पाएंगी? 

यूजरों ने किए कमेंट 

इस ट्वीट में कमेंट करते हुए एक यूजर लिखते हुए कहा, "हमारी संस्कृति पतन की ओर जा रही है! वर्तमान में परिवार पति - पत्नि और बच्चों तक ही सीमित रह गया है और भविष्य में तो क्या स्थिति होगी सोच कर ही डर लगता है।"

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, "सेल्यूट ऐसे पुत्र को जो सबसे विपरीत परिस्थिति में में भी अपना पुत्र धर्म निभा रहा है जबकि आज आधुनिकता की दुनिया में बड़े बड़े वृद्धा आश्रम बनते है अब कहाँ संस्कारी पुत्रों का उदय हो रहा है पहले 6 भाई हुआ करते थे तो एक दूसरे का सम्मान करते थे लेकिन आज पुत्र अपने बाप का सम्मान?"