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Hindi News वायरल न्‍यूज 'सर्च', 'अनलॉक' और 'डाउनलोड' बटन्स कूड़ेदान में मिले, जब लोगों ने इंटरनेट पर पूछा तो सामने आई ये असली वजह

'सर्च', 'अनलॉक' और 'डाउनलोड' बटन्स कूड़ेदान में मिले, जब लोगों ने इंटरनेट पर पूछा तो सामने आई ये असली वजह

कूड़ेदानों में 'सर्च', 'अनलॉक' और 'डाउनलोड' बटन्स को देख लोग हैरान थे। सोशल मीडिया पर इन वीडियो और फोटोज़ को पोस्ट कर वे पूछ रहे थे कि आखिर ये क्या है? जिसका जवाब अब लोगों को मिल चुका है।

कूड़ेदान में मिले सर्च, अनलॉक और डाउनलोड बटन्स- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA कूड़ेदान में मिले सर्च, अनलॉक और डाउनलोड बटन्स

आजकल सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें धड़ल्ले से वायरल हो रही हैं। जिसमें कूड़ेदानों में 'अनलॉक, 'डाउनलोड' और 'सर्च' लेबल वाले बड़े-बड़े बटन्स पड़े हुए मिल रहे हैं। अब इन तस्वीरों को देख लोग काफी सोच में पड़ गए थे कि आखिर ये क्या है और ऐसा क्यों किया जा रहा है। इसी का जवाब देते हुए हाल में ही स्मार्ट लॉक स्क्रीन प्लेटफॉर्म, ग्लांस (Glance) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें कुछ वीडियो और तस्वीरों को पोस्ट किया गया है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि लोग इन इंटरनेट के इन मैजिक बटन्स को डस्टबीन में डंप करते हुए नज़र आ रहे हैं। ये वीडियो यह बता रहा है कि अब यूजर्स को इंटरनेट पर विभिन्न कॉन्टेंट को एक्सेस करने के लिए अपने फोन को अनलॉक करने और उसे सर्च और डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है।

डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन या कुछ और 

पिछले हफ्ते, शहर के विभिन्न कूड़ेदानों में 'सर्च', 'अनलॉक' और 'डाउनलोड' लेबल वाले बड़े-बड़े बटन्स पाए गए थे, जिससे लगभग सभी लोग अनजान थे। ये बटन्स शादीपुर नेचर पार्क, नोएडा फिल्म सिटी, कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश बस स्टैंड जैसे जगहों पर देखे गए थे। हैरानी की बात यह है कि ये बटन्स सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि इन्हें बेंगलुरु, इंदौर, पुणे, चेन्नई और देश भर के कई अन्य शहरों और कस्बों में भी देखा गया था। जिसके बाद बड़ी तादाद में लोगों को सोशल मीडिया पर चर्चा करते और इसके उपयोग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए देखा गया। हजारों लोगों ने ट्विटर पर इन तस्वीरों को पोस्ट किया और हैशटैग #mysterybuttons और #buttonsdiscovered के साथ डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन और डिजिटल प्रगति जैसे विषयों पर खूब चर्चा की।

अच्छा! तो ये थी वजह

आशीषा राजपूत ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं यह जानने को लेकर बेहद उत्सुक थी कि #दिल्ली के कूड़ेदानों में इन बड़े-बड़े बटन्स को रखने के पीछे कौन था… आखिरकार हम जान ही गए! डाउनलोड, सर्च और अनलॉक की अनुपयोगिता के बारे में बताने का @glancescreen का तरीका बड़ा ही लाजवाब है।" ग्लांस को अपने स्मार्ट लॉक स्क्रीन प्लेटफॉर्म के लिए जाना जाता है, जो अधिकांश एंड्रॉइड स्मार्टफोन ब्रांड्स में उपलब्ध है। वर्तमान समय में ग्लांस लॉक स्क्रीन का पूरे भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में 45 करोड़ से अधिक स्थापित यूज़र बेस है। कंपनी का लक्ष्य संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पहुँच स्थापित करना है।

#SimplySmart के साथ एक लिंक्डइन पोस्ट पर ग्लांस के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर विकास चौधरी ने कहा, "मनुष्य की आत्मा अदम्य है, जिसे आप कभी दबा नहीं सकते और जो हमेशा कुछ नया करने के लिए उत्सुक रहती है। लेकिन इस भागती दौड़ती दुनिया में, हमारे पास जानकारियों का भंडार लगातार आता रहता है। हालांकि जानकारियों को सर्च करना, ऐप्स डाउनलोड करना, ऐप्स के बीच स्विच करना और फ़ीड के जरिए स्क्रॉल करना, कई बार हमें थका देता है। ग्लांस स्मार्ट लॉक स्क्रीन के साथ, हम कम में अधिक की उम्मीद कर सकते हैं। हम जो कुछ भी चाहते हैं वह हमारे द्वारा खोजने के बजाय, हमारी लॉक स्क्रीन पर हमारे पास उपलब्ध हो जाता है। हमें जानकारी खोजने, कई सारे डाउनलोड करने या यहां तक कि अपने स्मार्टफ़ोन को अनलॉक करने में भी कोई समय बर्बाद करने की जरुरत नहीं है। हमें बस ग्लांस करने की जरुरत है।"

ऐसा फीचर जो आपके फोन में होगा मौजूद

ग्लांस कोई ऐप नहीं है, जिसे डाउनलोड करने की जरुरत हो, बल्कि यह एक ऐसा फीचर है, जो प्रमुख स्मार्टफोन ब्रांड्स के ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) में पहले से ही इंटीग्रेट होता है। यह यूज़र्स की रुचियों और प्राथमिकताओं के आधार पर अनुकूलित कॉन्टेंट के लिए सिंगल गेटवे के रूप में कार्य करता है, जो कि अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु, तमिल, मराठी, कन्नड़ और बंगाली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। ग्लांस को सिर्फ यूज़र की सहमति से ही एक्टिवेट किया जा सकता है। यूज़र्स अपने फोन को अनलॉक किए बिना अपडेट रख सकते हैं, ट्रेंडिंग कॉन्टेंट खोज सकते हैं, 400 से अधिक गेम्स खेल सकते हैं, रोमांचक गेम टूर्नामेंट को लाइव स्ट्रीम कर सकते हैं, प्रोडक्ट्स की खरीदी कर सकते हैं, और 500 से अधिक क्रिएटर्स के लाइव शोज़ में ट्यून कर सकते हैं। यह लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है, इसमें और भी बहुत कुछ शामिल है। यह यूज़र की उँगलियों पर एक पर्सनलाइज़्ड कॉन्टेंट फीड होने जैसा है, जो जब भी किसी यूज़र को जरुरत हो, तो उसका मनोरंजन करने और संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार है। 

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