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Hindi News वायरल न्‍यूज साध्वी बनी अमेरिकी महिला की हिंदी सुन नहीं होगा कानों पर यकीन, कभी घूमने आईं थी हमारे देश, इतना भाया कि यहीं रह गईं

साध्वी बनी अमेरिकी महिला की हिंदी सुन नहीं होगा कानों पर यकीन, कभी घूमने आईं थी हमारे देश, इतना भाया कि यहीं रह गईं

30 की उम्र में संन्यास लेकर महिलाओं की बेहतरी और बच्चों की शिक्षा पर काम कर रहीं साध्वी भगवती सरस्वती महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंची हुईं हैं। इस दौरान उन्होंने इंडिया टीवी से खास बातचीत की और सनातन धर्म को लेकर अपनी बात रखी।

साध्वी भगवती सरस्वती- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA साध्वी भगवती सरस्वती

महाकुंभ 2025 सनातन धर्म उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। देश-विदेश से लोग संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस दौरान सनातन धर्म का झंड़ा बुलंद करते विदेशी साधु और साध्वी भी महाकुंभ की नगरी पहुंच चुके हैं। ऐसी ही संन्यासी जीवन को अपना चुकी अमेरिकी महिला साध्वी सरस्वती से इंडिया टीवी ने बात की। इंडिया टीवी से बातचीत करने के दौरान साध्वी सरस्वती ने अपनी पूरी बात हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी में की। उनकी हिंदी इतनी अच्छी है कि उन्हें सुनने के बाद आपको अपने आंखों और कानों पर यकीन नहीं होगा कि ये महिला कभी अमेरिका की रहने वाली थी। आज वह फर्राटेदार और बिल्कुल साफ-सुथरी हिंदी बोलती है। ऐसी हिंदी बोलना किसी भी विदेशी इंसान के लिए आसान नहीं है। लेकिन साध्वी सरस्वती हमारे देश की संस्कृति और भाषा के अनुसार इस कदर ढल चुकी हैं कि अब वे भी हममें से एक ही लगती हैं।

साध्वी ने इंडिया टीवी से की खास बातचीत

साध्वी सरस्वती ने इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान सनातन धर्म को दुनिया का सबसे श्रेष्ठ धर्म बताया और कहा कि आज दुनिया में चल रही सभी समस्याओं का समाधान हमारे सनातन धर्म में है। आज पूरी दुनिया के लोगों का रुझान सनातन धर्म के प्रति बढ़ रहा है। हमारे परमार्थ निकेतन आश्रम में आए दिन विदेशी लोग सनातन धर्म से योग और शिक्षा के लिए जुड़ रहे हैं। अपने जीवन को सरल बनाने और अपने उद्देश्य को पहचानने के लिए सनातन से जुड़ रहे हैं। साध्वी सरस्वती ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम माननीय योगी आदित्यनाथ जी की तारीफ करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि जो कुछ भी व्यवस्था पीएम और सीएम ने किया है वह बहुत ही अद्भुत है। 

अच्छी हिंदी होने के पीछे का राज

साध्वी भगवती सरस्वती के साथ मौजूद स्वामी चिदानंद सरस्वती से भी इंडिया टीवी ने बात की। इस दौरान उन्होंने एक 30 साल की अमेरिकन महिला के भारत दर्शन से लेकर उसके साध्वी बनने तक के सफर का  किस्सा सुनाया। चिदानंद सरस्वती जी ने यह भी बताया कि साध्वी भगवती सरस्वती ने संन्यास लेने के बाद आज हमारे देश की महिलाओं की बेहतरी और गरीब बच्चों की शिक्षा पर काफी काम कर रहीं हैं। उन्होंने साध्वी भगवती की इतनी अच्छी हिंदी होने के पीछे के कारण को भी बताया। उन्होंने कहा कि संन्यास लेने के बाद साध्वी भगवती जी भारत में रह रहे गरीब बच्चों और वहां की महिलाओं की मदद के लिए स्लम एरिया में जाया करती थीं और उनके साथ ही रहकर उन्हें हिंदी आने लगी और आज उनकी हिंदी भी उतनी ही अच्छी है जितनी की उनकी इंग्लिश। 

25 साल पहले अमेरिका से भारत घूमने आईं और संन्यास ले लिया

बता दें कि, साध्वी सरस्वती साल 1996 में अमेरिका से भारत घूमने के लिए आईं थीं। वे भारतीय शाकाहार और दर्शन से इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने महज 30 साल की उम्र में अपना घर-परिवार छोड़कर संन्यास ले लिया। साल 2000 में उन्होंने संन्यास लिया था। तब उनकी उम्र करीब 25 साल थी। संन्यास जीवन में प्रवेश करने के बाद वे ऋषिकेश में ही गंगा किनारे मौजूद परमार्थ निकेतन आश्रम को हमेशा के लिए अपना घर बना लिया। फिलहाल, वे ऋषिकेश में रहती हैं और भारत में महिला सशक्तिकरण पर काम कर रही हैं। साध्वी सरस्वती इस महाकुंभ में प्रयागराज पहुंची हुई हैं और तपस्या में लीन हैं। 

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