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Hindi News वायरल न्‍यूज "आखिर दिवाली नज़्म-ए-बहार कैसे बन गई?", लेडी श्रीराम कॉलेज के पोस्टर पर भड़के लोग, जानें लोगों क्या कहा?

"आखिर दिवाली नज़्म-ए-बहार कैसे बन गई?", लेडी श्रीराम कॉलेज के पोस्टर पर भड़के लोग, जानें लोगों क्या कहा?

इस समय सोशल मीडिया पर लोग भड़के हुए हैं और इसके पीछे कारण लेडी श्रीराम कॉलेज में मनाए गए प्री-दिवाली फेस्ट का पोस्टर है। कॉलेज ने जैसा पोस्टर बनाया है, उसे देखने के बाद लोग भड़क गए और फोटो पोस्ट करके या फिर कमेंट करके अपनी बात रखने लगे।

Screen Grab- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA लेडी श्रीराम कॉलेज का यह पोस्टर देखकर भड़क गए लोग

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो हर किसी को पसंद है। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसके आने से पहले ही हर किसी के अंदर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलती है। बच्चा हो या फिर बुजुर्ग हर कोई दिवाली को बड़े ही धूम-धाम से मनाता है। लेकिन अभी सोशल मीडिया पर इसी त्योहार के एक पोस्टर को लेकर लोग भड़क गए हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज में एक दिवाली से पहले एक सेलिब्रेशन रखा गया। इसके लिए लोगों को आमंत्रित करने के लिए एक पोस्टर बना और उसी पोस्टर को देखने के बाद लोग भड़क गए। आइए आपको बताते हैं कि इस पोस्टर में क्या लिखा है और लोग क्या कुछ कह रहे हैं।

पोस्टर को देखकर भड़के लोग

सोशल मीडिया पर अभी एक पोस्टर वायरल हो रहा है जिसे लोगों को आमंत्रित करने के लिए लेडी श्रीराम कॉलेज की तरफ से तैयार किया गया है। इसमें प्री-दिवाली प्रोग्राम का नाम 'नूग 24, नज़्म-ए-बहार रखा गया है।' इस प्रोग्राम को 24 अक्तूबर को कॉलेज में मनाया गया। इसी पोस्टर के सामने आने के बाद लोग भड़क गए और अपनी बातों को सामने रखने लगे।

यहां देखें वायरल पोस्टर

आपने जो पोस्टर अभी ऊपर देखा उसे एक्स (पहले ट्विटर) पर @KreatelyMedia नाम के अकाउंट से पोस्ट किया गया है। फोटो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, 'हेलो लेडी श्री राम कॉलेज, आखिर दिवाली नज़्म-ए-बहार कैसे बन गई? शायद LSR का नाम बदलकर लेडी बाबरी कॉलेज कर दिया जाए।'

लोगों ने क्या कहा?

इस पोस्टर को देखने के बाद इंटरनेट यूजर्स भी भड़क गए और कमेंट में अपनी बात रखने लगे। एक यूजर ने लिखा- ऐसा लगता है कि LSR के फेस्टिवल कैलेंडर में पहचान का गंभीर संकट आ गया है। दिवाली अब "नज़्म-ए-बहार" बन गई है? अब कॉलेज का नाम "लेडी बाबरी कॉलेज" रख दिया जाए तो बेहतर होगा। दूसरे यूजर ने लिखा- त्योहार के नाम से यह निमंत्रण नहीं जचता है। तीसरे यूजर ने लिखा- पहले जश्न-ए-दिवाली और अब नज़्म एक बहार, क्या पागलपंती चल रही है। इन लोगों को अफगानिस्तान भेज देना चाहिए, 2 दिन में पता चल जाएगा कि मुगल कैसे थे। तीसरे यूजर ने लिखा- क्या यह एक क्रिश्चियन कॉलेज है या यह जेएनयू जैसा है, क्या कोई बता सकता है। वे ऐसा क्यों करते हैं?

यहां देखें एक और शख्स का पोस्ट

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