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Hindi News वायरल न्‍यूज 2 गोल्ड, 11 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज जीतने वाले ओलंपियन OLA कैब चलाते दिखे, हालत देख आप भी सोचने पर हो जाएंगे मजबूर

2 गोल्ड, 11 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज जीतने वाले ओलंपियन OLA कैब चलाते दिखे, हालत देख आप भी सोचने पर हो जाएंगे मजबूर

मुंबई के एक उद्यमी ने एक ओला ड्राइवर के साथ अपनी फोटो शेयर की और उसने बताया कि उसके साथ दिखने वाला कैब ड्राइवर एक ओलंपियन रह चुका है। उस उद्यमी में इस फोटो को अपने X हैंडल से शेयर किया है।

ओला ड्राइवर के साथ मुंबई का उद्यमी- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA ओला ड्राइवर के साथ मुंबई का उद्यमी

मुंबई के एक एंटरप्रेन्योर ने एक ओला ड्राइवर की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की और बताया कि उसके साथ दिखने वाले ओला ड्राइवर एक ओलंपियन हैं। जिन्होंने अपने समय कई इंटरनेशल प्रतियोगिताओं में 2 गोल्ड, 11 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज जीत चुके हैं। इस ओलंपियन से एंटरप्रेन्योर की यह मुलाकात गुमनाम भारतीय एथलीटों के जीवन प्रकाश डालने का काम किया है। मुंबई के इस एंटरप्रेन्योर आर्यन सिंह कुशवाह  ने अपने X हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उसने ओला ड्राइवर पराग पाटिल के साथ अपनी तस्वीर शेयर की है और उनकी अनकही कहानी को लोगों तक पहुंचाया है। 

कई पदक जीत चुके हैं ये ओलंपियन

आर्यन सिंह कुशवाह ने अपनी पोस्ट में कहा, "मेरा ओला ड्राइवर एक ओलंपियन है। मिलिए पराग पाटिल से। ट्रिपल जंप में एशिया में दूसरे स्थान पर। लॉन्ग जंप में एशिया में तीसरे स्थान पर, हर बार जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वे कभी भी पदक के बिना नहीं लौटे। 2 स्वर्ण, 11 रजत, 3 कांस्य। फिर भी उनके पास कोई स्पॉन्सर नहीं है। वे ओला चला कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनका एथलेटिक करियर खत्म होने के कगार पर है।" कुशवाह की पोस्ट केवल एक स्टोरी टेलिंग पोस्ट नहीं बल्कि उस कैब ड्राइवर के लिए मदद की अपील भी है। जो पराग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने और जीतने में उन्हें स्पॉन्सर कर सके। 

स्पॉन्सर ना मिलने से खत्म हुआ करियर

कुशवाह और मुस्कुराते हुए पाटिल की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस स्टोरी को पढ़ने के बाद लोगों ने गुमनाम एथलिट्स के जीवन स्तर पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है। साथ ही कई लोग पराग की मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं। ऐसे ही एक यूजर ने इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा- "यह कहानी इस बात की याद दिलाती है कि भारत ओलंपिक पदक जीतने में क्यों संघर्ष करता है। पराग पाटिल जैसे एथलीट, अपनी प्रतिभा और उपलब्धियों के बावजूद, कम फंडिंग, पहचान की कमी और गरीबी का सामना करते हैं। इस टूटी हुई व्यवस्था को ठीक करने और ऐसी प्रतिभाओं का समर्थन करने के लिए हमें जरूर कुछ ना कुछ करना चाहिए। जबकि एक अन्य यूजर ने इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा- "यह आदमी बहुत कुछ पाने का हकदार है। पता नहीं आखिर ऐसे कई एथलिट्स इस तरह क्यों खत्म हो जाते हैं।"

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