'अब मैं ही इनकी मां हूं', पिता ने बेटियों के लिए करवाया जेंडर चेंज
एक्वाडोर में एक पिता ने अपनी बेटियों की कस्टडी पाने के लिए अपना जेंडर चेंज करवा लिया। पिता के इस प्रेम को देखकर हर कोई दंग रह गया।
मां की ममता के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे। लेकिन आज यहां एक किस्सा पिता का अपनी संतान के प्रति स्नेह का पढ़ लीजिए। पिता भी मां की तरह अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ऐसा ही एक मामला एक्वाडोर से सामने आया है जहां एक पिता ने अपनी बेटियों की कस्टडी पाने के लिए अपना जेंडर चेंज करवा लिया। इस मामले को जिसने भी पढ़ा या सुना पिता के प्रेम को देखकर दंग रह गया।
शख्स ने चेंज करवा लिया अपना जेंडर
'टाइम्स नाउ' इक्वाडोर के शख्स ने अपनी बेटियों की कस्टडी पाने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस जाकर कानूनी तौर पर अपना जेंडर चेंज करवा लिया। शख्स ने बताया कि अपनी पत्नी से तलाक के बाद वह अपनी बेटियों को अपने पास रखना चाहते हैं। इसके लिए इक्वाडोर का कानून आड़े आ रहा था। 47 वर्षीय रेने सेलिनास रामोस अपनी पत्नी से अलग हो चुके हैं। वह अपनी बेटियों से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं इसलिए वह उनकी कस्टडी अपने पास चाहते हैं। लेकिन इक्वाडोर का कानून उनके इस चाहत के आड़े आ रहा था। दरअसल, इक्वाडोर में तलाक के बाद संतानों की कस्टडी के लिए महिलाओं को वरीयता दी जाती है। इसलिए शख्स अपना जेंडर चेंज करवाकर महिला बन गया। हालांकि इक्वाडोर के कानून की वजह से वह अभी भी अपनी बेटियों से दूर हैं।
बेटियों के लिए शख्स का छलका दर्द
रेने ने अपनी तलाकशुदा पत्नी पर आरोप लगाया कि वह उनके बेटियों को अच्छे माहौल में नहीं रख पा रही है। उन्होंने वहां के लोकल चैनल से बात करते हुए बताया कि इक्वाडोर का कानून उनके पुरूष होने की वजह से उनकी बेटियों की कस्टडी उन्हें नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटियों को साथ रखने के लिए जेंडर चेंज करवाकर अब तो महिला भी बन गए हैं। उन्होंने कहा- 'लीजिए मैं अब एक महिला हूं और इनकी मां भी हूं'। रेने ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटियों को पिछले 5 महीनों से नहीं देखा है।
शख्स ने देश के कानून व्यवस्था पर उठाया सवाल
उन्होंने देश के कानून पर सवाल खड़ा करते हुए कहा,'मुझे पता है कि पुरूष महिलाओं की तुलना में बच्चों की देखभाल कम कर पाते हैं लेकिन मैं भी अपनी बेटियों को एक मां की तरह ही उन्हें प्यार और सुरक्षा दे सकता हूं। क्या इस देश में एक पिता होना अभिशप है? क्या मर्दों को यहां पर सिर्फ एक प्रोवाइडर की नजर से देखा जाता है?'