तेंदुआ का बच्चा बिल्ली की तरह ही दिखता है। कई लोग उन्हें पहचानने में धोखा खा जाते हैं। कुछ यही हुआ मेरठ के किठौर में रहने वाले बच्चों के साथ। वे जिसे बिल्ली का बच्चा समझ कर उसके साथ खेल रहे थे असल में वह तेंदुआ निकला। लड़के तेंदुए को गोद में उठाए घूम रहे थे और तो और उसके गले में रस्सी भी बांध दी थी। उसे बगीचे की सैर करा रहे थे। लेकिन जब तेंदुआ थोड़ी देर बाद गुर्राया तब उसे वहीं छोड़कर बच्चे वहां से भाग निकले। पूरा मामला मेरठ के किठौर के शाहजहांपुर गांव का बताया जा रहा है।
तेंदुए के बच्चे को किया रेस्क्यू
बच्चे जब भागकर बाहर निकले तो बगीचे के मालिक से वह मिले। बगीचे के मालिक को उनलोगों ने जब सारी घटना बताई तब वह उस जगह पर जाकर देखा तो पता चला कि वह एक तेंदुए का बच्चा है। बगीचे के मालिक ने इस बात की जानकारी गांव के अन्य लोगों को दी जिसके बाद वन विभाग और पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद गांव में मादा तेंदुए को खोजा जा रहा है। सर्च अभियान में मादा तेंदुए का पता नहीं लगाया जा सका। फिर वन विभाग की टीम ने तेंदुए के बच्चे को एक टेकरी में रखकर वहीं पर छोड़ दिया ताकि मादा तेंदुआ आकर अपने बच्चे को साथ ले जाए। देर रात मादा तेंदुआ आई और अपने बच्चे को साथ में ले गई।
वन विभाग की टीम ने लोगों से की ये अपील
वन विभाग ने लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि जब भी कहीं वन्य जीव-जंतु या उसके बच्चे को देखें तो कभी उसे छूने की कोशिश न करें। हमें तुरंत सूचना दें। उन्हें छूना खतरनाक भी हो सकता है। वन विभाग की टीम ने तेंदुए के बच्चे को न छूने की एक और भी वजह बताई। उन्होंने बताया कि तेंदुए के बच्चे जब इंसानों के संपर्क में आ जाते हैं तब मादा तेंदुआ शावक के शरीर पर इंसानों के अंगुलियों की गंध पाकर उन्हें छोड़ देती है क्योंकि उन्हें खुद के पकड़े जाने का डर रहता है।
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