ब्लड की जरूरत है, कई बार ऐसी समस्याएं हमारे आसपास देखने को मिल जाती हैं। एक यूनिट रक्त किसी की जान बचा सकता है। हम अक्सर ऐसा देखते हैं कि इस तरह के मामले हमारे सामने आते रहते हैं, जिसमें किसी मरीज को ब्लड की जरूरत होती है, तो हम सोशल मीडिया से लेकर हर जगह फोन घुमाते हैं, ताकि उस व्यक्ति को ब्लड मिल सके। यही मानवता के नाते सेवा की भावना है। जो लगभग इंसानों में देखा जाता है। इसलिए कहा जाता है कि रक्तदान महादान है। आप सोच रहे होंगे कि हम खून और रक्तदान की बात क्यों कर रहे हैं? तो चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला? एक 80 वर्षीय महिला ने रक्तदान कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। जी हां आपने सही पढ़ा।
कैसे बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड?
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, जोसफीन माइकलुक ने अपने पूरे जीवन में 203 यूनिट रक्तदान किया है, जिससे अनगिनत अन्य लोगों की जान बची है। वह लगभग छह दशकों से नियमित रूप से रक्तदान कर रही हैं, जिसकी शुरुआत 1965 से 22 वर्ष की उम्र में हुई थी। आपको बता दें कि एक यूनिट खून लगभग एक यूएस पिंट (473 मिली) के बराबर होता है, इसलिए कुल मिलाकर, उन्होंने 96,019 मिली (96 लीटर) दान किया है। इस संबंध में महिला ने बताया कि उनकी बहन ने खून दान के लिए उनसे बात की थी। मैंने फैसला किया कि मैं उसके साथ जुड़ूंगी और वही से शुरुआत थी। जब उनसे पूछा गया कि वह ऐसा क्यों करती है, तो उन्होंने कहा, ''मुझे ऐसा लगता है कि मेरे पास देने के लिए मेरे पास कुछ है।" "मैं इसे उन लोगों के साथ डोनेट कर सकती हूं जिन्हें इसकी आवश्यकता है"।
इससे पहले किसका था रिकॉर्ड?
महिला ने बताया, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे पास एक रिकॉर्ड होगा। मैं उस कारण से दान नहीं कर रही थी। मैं इसे जारी रखने की योजना बना रही हूं, उन्होंने बताया कि वृद्ध महिलाओं को खून डोनेट करने के लिए जागरूक करती हूं"। इसके साथ ही समाज के सभी लोगों को खून देने के लिए प्रेरित करती हैं। आपको बता दें कि इससे पहले सबसे अधिक पूर्ण रक्तदान (महिला) का पिछला रिकॉर्ड भारत की मधुरा अशोक कुमार के पास था, जिन्होंने अपने जीवन में 117 यूनिट रक्तदान किया था।