इसरो चीफ की इतनी ही है सैलरी, हर्ष गोयनका ने ट्वीट कर दी जानकारी
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में मुख्य भूमिका इसरो चीफ एस.सोमनाथ की है। भारत के इस ऐतिहासिक पल को हर देशवासी अपने मन में सजाकर रखना चाहता है। इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का पूरा श्रेय इसरो चीफ सोमनाथ को जाता है।
चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर उतारकर भारत ने इतिहास रच दिया। भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बना जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूवर्क लैंडर मॉड्यूल को उतार सका। इस पूरे ऑपरेशन की बागडोर इसरो चीफ एस सोमनाथ के हाथों में थी। चंद्रयान-3 के सफलता में इनके योगदान को यह देश कभी नहीं भूल सकता। इस मिशन के बाद एस सोमनाथ देश के हीरो बन गए। हर कोई उनके बारे में जानने को उत्सुक है। कई लोगों के मन में तो ये भी सवाल है कि एस.सोमनाथ को कितनी सैलरी मिलती होगी। लोगों के इस सवाल का जवाब आज मिलने वाला है। एस.सोमनाथ को कितनी सालरी मिलती है इसकी जानकारी हम आपको देते हैं।
हर महीने मिलते हैं इतने रुपए
बता दें कि, एस सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है। 7वें वेतन आयोग के मुताबिक, इसरो चीफ की सैलरी ढाई लाख रुपये प्रति माह है। सैलरी के अलावा सरकार उन्हें अन्य सहूलियत जैसे रहने के लिए घर, आने-जाने के लिए गाड़ी मिला हुआ है। इसरो चीफ को और भी सुविधाएं सरकार मुहैया कराती है। इन्हें वाई प्लस लेवल की सुरक्षा मिलती है। इनका पद किसी भी IAS और IPS अफसर से कम नहीं है।
हर्ष गोयनका ने किया ट्वीट
इसरो चीफ की सैलरी को लेकर देश के दिग्गज बिजनेस मैन हर्ष गोयनक ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है- इसरो के चेयरमैन सोमनाथ की सैलरी 2.5 लाख रुपए महीना है। क्या यह सही और निष्पक्ष है? आइए समझें कि उनके जैसे लोग पैसे से परे दूसरे कारणों से प्रेरित होते हैं। सोमनाथ जो कुछ भी करते हैं वह विज्ञान और अनुसंधान के प्रति अपने जुनून और समर्पण के लिए करते हैं, अपने देश को महान बनाने में योगदान देने के लिए, राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने के लिए और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए करते हैं। मैं उनके जैसे समर्पित लोगों के प्रति अपना सिर झुकाता हूँ।
हर्ष गोयनका का यह ट्विटर पोस्ट पूरे देश में तेजी से वायरल हो रहा है। खबर लिखे जाने तक उनके इस पोस्ट को 8 लाख लोगों ने देखा और हजारों ने इस कमेंट भी किया है। लगभग सभी लोगों ने एक ही कमेंट किया था कि ऐसे पद पर रहने वाले इंसान के हिसाब से ये काफी कम सैलरी है। यदि वह प्राइवेट सेक्टर में होते तो अब तक उनकी सैलरी करोड़ों में होती। कुछ लोगों ने कहा कि ऐसे लोगों को सरकार को हर सक्सेसफुल मिशन के बाद ईनाम राशी देनी चाहिए वह भी करोड़ों में।
ये भी पढ़ें:
दुनिया की इकलौती रंग-बिरंगी नदी जो हर मौसम में बदलती है अपना रंग, पक्का नहीं जानते होंगे आप