नारायण मूर्ति को तो आप सभी जानते होंगे। जी हां इंफोसिस कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति की ही बात कर रहे हैं। वे 3one4 पोस्डकास्ट में इंफोसिस के पूर्व CEO मोहनदास पई से बातचीत कर रहे थे। इस बाचतीत में उन्होंने देश को और मजबूत करने पर बातचीत की। उन्होंने इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'हमें अपने देश की वर्क प्रोडक्टिविटी में सुधार करने की जरूरत है। भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया के सबसे कम प्रोडक्टिविटी में से एक है। हम अपनी वर्क प्रोडक्टिविटी को सुधारे बिना, सरकार में करप्शन कम किए बिना (अगर है तो वैसे मुझे सच्चाई नहीं पता), प्रशासन द्वारा फैसले लेने में होने वाली देरी को कम किए बिना हम उन देशों को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं जिसने खूब विकास किया है। मेरा अनुरोधा है कि हमारे युवाओं को कहना चाहिए कि यह हमारा देश है। हमें हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। जर्मनी और जापान ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद बिल्कुल ऐसा ही किया था।'
सोशल मीडिया पर भड़के लोग
नारायण मूर्ति के इस अनुरोध के बाद सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे और उनके इस सुझाव का विरोध किया। Schiffskapitä नाम के एक यूजर ने लिखा- मिस्टर और मिसेज मूर्ति भारतीयों को गुलाम की तरह काम करना और गुलाम की तरह रहना सिखा रहे हैं। क्या घातक जोड़ी है।
तो वहीं JayK नाम के यूजर ने एक पोस्टर शेयर किया जिस पर लिखा है- देना है तो पैसा दो, ज्ञान तो मेरे पास भी बहुत है।
कौन है नारायण मूर्ति?
नारायण मूर्ति का पूरा नाम नागवारा रामाराव नारायण मूर्ति है जो एक अरबपति बिजनेसमैन हैं। नारायण मूर्ति इंफोसिस के 7 संस्थापकों में से एक हैं जिनकी अप्रैल 2023 तक कुल संपत्ति 4.1 बिलियन डॉलर थी। 1981 में 6 सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के साथ मिलकर नारायम मूर्ति ने इंफोसिस की स्थापना की थी जिसमें 2002 तक वे CEO के पद पर बने रहें।
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