चुपके से टिकट लेकर सारस से Zoo में मिलने पहुंचे आरिफ, बोले- पिंजड़े में मेरा दोस्त बहुत तड़प रहा था
आरिफ और सारस की दोस्ती एक बार फिर से चर्चा में है। आरिफ लगभग 95 दिन बाद अपने दोस्त सारस से मिलने कानपुर चिड़ियाघर पहुंचे। उन्हें देखकर सारस खुशी से झूम उठा।
आरिफ और सारस की दोस्ती के बारे में आपने तो सुना ही होगा। सोशल मीडिया पर आपने इनके कई वीडियो देखे होंगे। जब इन दोनों की दोस्ती देखने को मिली। इनकी दोस्ती अब एक बार फिर से चर्चा में है। दरअसल, आरिफ चुपचाप सारस से मिलने कानपुर चिड़ियाघर में टिकट लेकर मिलने पहुंच गए। आरिफ को देखते ही सारस खुशी से झूम उठा। वह बाड़े में पंख फैलाकर अपनी खुशी का इजहार करते हुए दिखा। वीडियो में दिख रहा है कि वह आरिफ से मिलने के बाड़े से बाहर निकलने के लिए बेताब है।
95 दिन बाद कानपुर चिड़ियाघर सारस से मिलने पहुंचे आरिफ
इस प्यारे से मुलाकात का वीडियो बनाकर आरिफ ने अपने Youtube चैनल पर शेयर किया है। इस 9 मिनट के वीडियो में वह कार से कानपुर की ओर निकल जाता है। जब वह कानपुर चिड़ियाघर पहुंचता है तो कोई पहचान ना ले इसलिए वह अपे मुंह पर मास्क लगा लेता है। जिसके बाद वह टिकट लेकर सारस के बाड़े तक पहुंचता है और उसे आवाज देकर अपनी ओर बुलाता है। सारस आरिफ को देखते ही पहचान जाता है और वह खुशी के मारे झूमने लगता है। आरिफ भी सारस को पिंजड़े में बंद देख मायूस हो जाते हैं और बोलते हैं कि मेरा दोस्त पिंजड़े में तड़प रहा है। आरिफ थोड़ी देर वहां रुकते हैं और फिर वह वहां से निकलने लगते हैं। जब वह जा रहे होते हैं तब सारस पिंजड़े से बाहर निकलने के लिए काफी बेताब दिखता है। वह अपने बाड़े में इधर-उधर दोड़ लगाने लगता है और वह आरिफ के पीछे-पीछे दौड़ते हुए दिखता है।
'भले मुझे न सौंपे, लेकिन सारस को खुला छोड़ें'
बता दें कि कानपुर चिड़ियाघर से से पहले सारस अमेठी में ही वन विभाग के देखरेख में था। आरिफ ने सारस को कानपुर चिड़ियाघर में शिफ्ट करने का विरोध भी किया था लेकिन वन विभाग ने सारस को कानपुर चिड़ियाघर में शिफ्ट कर दिया। इस बार लगभग 95 दिनों के बाद 13 जुलाई को आरिफ सारस से मिलने के लिए कानपुर के चिड़ियाघर में पहुंचे। आरिफ ने वीडियो में कहा कि सारस पहले के मुकाबले काफी दुबला हो गया है। उसे बाड़े में इस हालत में देखकर काफी दुख हुआ। वह इस चिड़ियाघर में काफी परेशान रहता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सारस को भले ही मुझे न सौंपा जाए लेकिन जैसे वह पहले खुले में रहता था उसे उसी हाल में छोड़ दिया जाए।
आरिफ गांगा बैराज होते हुए कानपुर चिड़ियाघर सारस से मिलने पहुंचे थे। जब वह रास्ते में लोट रहे थे तब वह बेहद उदास होकर बोले कि मेरा बस चले तो मैं रोज सारस से मिलने के लिए जाऊं। इस वाकये की जानकारी जब चिड़ियाघर प्रशासन को सोशल मीडिया के माध्यम से हुई तब उन्होंने बाड़े के पास लगे CCTV फुटेज को खंगाला और इसकी पुष्टि की।
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