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Hindi News वायरल न्‍यूज बेबीसिटर बिना पेरेंट्स को बताए बच्चे को 1 हफ्ते की छुट्टी पर बाहर ले गई, सोशल मीडिया पर किया कबूल

बेबीसिटर बिना पेरेंट्स को बताए बच्चे को 1 हफ्ते की छुट्टी पर बाहर ले गई, सोशल मीडिया पर किया कबूल

एक महिला ने सोशल मीडिया पर बताया कि जब वह बेबीसिटर का काम करती थी तब वह एक बार अपने पड़ोसी के दो साल के बेटे को बिना किसी को बताए एक सप्ताह की छुट्टी पर ले गई।

बेबीसिटर और बच्चा- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA बेबीसिटर और बच्चा

बेबीसिटर का मतलब तो आपलोग समझते ही होंगे। नहीं पता तो हम बता देते हैं। माता-पिता के अनुपस्थिति में बच्चों की देखभाल करने वाली को बेबीसिटर कहते हैं। भारत में लोग इन्हें दाई भी कहते हैं। एक महिला ने सोशल मीडिया पर बताया कि जब वह बेबीसिटर का काम करती थी तब वह एक बार अपने पड़ोसी के दो साल के बेटे को बिना किसी को बताए एक सप्ताह की छुट्टी पर ले गई। महिला ने टिकटॉक पर वीडियो शेयर करते हुए यह कहनी बताई। उसने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती को स्वीकार किया। महिला का टिकटॉक अकाउंट @seenasyouasked के नाम से है। उसके अकाउंट पर 10,900 से अधिक फॉलोअर्स हैं। उसके इस कहानी के वीडियो को शेयर करने के बाद यह वायरल हो गया। अब तक इस कहानी को 2.4 मिलियन बार देखा जा चुका है।

बेबीसिटर बच्चे को ले गई बाहर छुट्टी पर

'मिरर' की रिपोर्ट के अनुसार महिला का कहना है कि जब वह 20 साल की थी तब वह एक परिवार के बगल में रहती थी। उस परिवार में एक दो साल का बच्चा भी था। वह उस बच्चे की देखभाल भी करती थी और कभी-कभी उसकी मां की मदद के लिए कुछ घंटों के लिए बेबीसीट का भी काम करती थी। महिला ने बताया कि एक दिन उसके माता-पिता ने उससे पूछा- "क्या आप मेरे बेटे की देखभाल कर सकती हैं और क्या आप उसे रात भर के लिए अपने पास रख सकती हैं क्योंकि शाम को उन्हें कहीं बाहर जाना था।" मैंने बोला- "हाँ, कोई बात नहीं, हम एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, यह बहुत अच्छा होगा। समस्या यह है कि मैं एक सप्ताह के लिए मंगलवार को छुट्टी पर जा रही हूँ।" फिर महिला ने बताया कि उसके पड़ोसियों ने उसकी बात नहीं समझी शायद कुछ कन्फ्यूजन रहा होगा। उसने बताया कि सोमवार को उसके माता-पिता मेरे घर रात भर के लिए बच्चे को छोड़ गए। "मंगलवार की सुबह, हम सभी ने कार पैक की, मैंने बच्चे को भी कार में बैठा लिया और हम लंदन के लिए रवाना हुए, हम बर्मिंघम पहुंचे, वहां हम एक होटल में रुके थे।

एक हफ्ते तक की मौज-मस्ती

बच्चा बहुत ही प्यारा था। मैने उसे खाना खिलाया और एक हफ्ते भर के लिए कुछ बेबी पैंट्स खरीदकर ले आई। मैं इस बच्चे के साथ एक हफ्ते भर रही और वह बहुत ही शांत तरीके से रहा उसने ज्यादा तंग भी नहीं किया। इस दौरान मैं उसे चिड़ियाघर ले गई। वहां उसने हाइड पार्क की सैर की। फिर हम रूम लौट आएं, वह अच्छी तरह से सोता था। रात को रोता भी नहीं था और सब कुछ बहुत अच्छा था। उस वक्त मेरे पास फोन नहीं था और ना ही मेरे पड़ोसियों का मेरे पास नंबर था। मैंने उनसे संपर्क करने के लिए पोस्टकार्ड खरीदा। मैंने एक पोस्टकार्ड लिखा और उसके पते पर मैंनेपोस्ट कर दिया ताकि उन्हें यह पता रहे कि उनका बच्चा सही सलामत है। जब हम छुट्टी से वापस घर लौटें तब बच्चे के माता-पिता ने हल्की मुस्कान के साथ हमारा स्वागत किया। 

छुट्टी के बाद घर लौटें बच्चा और बेबीसिटर 

बच्चे की मां ने बेबीसिटर से कहा- तुम बहुत प्यारी हो लेकिन मैं मंगलवार को ही आने वाली थी और उसे वापस ले जाती मैं। इसका मतलब ये नहीं कि तुम उसे हफ्ते भर के लिए छुट्टी पर ले जाओ। बेबीसिटर ने बताया कि अच्छा हुआ कि उसने बच्चे के माता-पिता को पोस्टकार्ड भेजा था। उसने बच्चे की मां से मापी मांगी और कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने आपके बच्चे को छुट्टी पर ले गई। बच्चे की मां ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया: "नहीं, मेरे पास बहुत अच्छा समय था, मेरे पास एक हफ्ते के लिए एक प्यारा सा ब्रेक था!"