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Hindi News वायरल न्‍यूज बच्चों के कान क्यों खींचते हैं पीएम मोदी? मिल गया इस सवाल का जवाब

बच्चों के कान क्यों खींचते हैं पीएम मोदी? मिल गया इस सवाल का जवाब

मोदी जब भी बच्चों से मिलते हैं तो उनके कान क्यों खींचते हैं. आखिर ऐसा क्यों करते हैं मोदी। इस सवाल का जवाब मिल गया है।

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PM Modi 69th Birthday : पीएम मोदी आज अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। नरेंद्र मोदी के बारे में मशहूर है कि वो बच्चों से बहुत प्यार करते हैं लेकन जब भी वो बच्चों से मिलते हैं तो उनके कान जरूर खींचते हैं। मोदी का ऐसा करना लोगों को हैरान करता आया है। कई बार विरोधी मोदी के इस स्टाइल को हिटलर सरीखा बता चुके हैं लेकिन बाद में वो बात गलत निकली थी। लेकिन असली सवाल वही है कि मोदी बच्चों के कान क्यों खींचते हैं, उनके गाल सहलाना, दुलारना,सिर पर हाथ फेरने की बजाय मोदी कान क्यों खींचते हैं।

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इस सवाल के पीछे छिपा है एक गहरा रहस्य जिसका भारत के प्राचीन सुपर ब्रेन योगा में वर्णन किया गया है। सुपर ब्रेन योगा भारत के दक्षिणी राज्यों में एकाग्रता बढ़ाने और स्मरण शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य से करवाया जाता है। तमिलनाडु के मंदिरों में गजानन गणेश की मूर्ति के आगे बच्चों को क्रास में कान पकड़ कर उठक बैठक लगवाई जाती है।

इस प्रक्रिया को थोप्पुकरणम कहा जाता है। गणपति की मूर्ति के आगे कानों को क्रास में पकड़ कर खींचा जाता है ताकि बच्चे के मस्तिष्क को संतुलित रखकर स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाया जा सके। दाहिने हाथ से बायां कान और बाएं हाथ से दाहिना कान पकड़ा जाता है।

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वेदों में भी कहा गया है कि गणपित के लंबे औऱ बड़े कान उनके तेज मस्तिष्क और बुद्धिमानी के प्रतीक थे। इसीलिए दक्षिण भारत के मंदिरों में बच्चे को बुद्धिमान बनाने के लिए गणपति के समक्ष उसके कान खींचे जाते हैं।

इसकी एक और वजह भी है - कान के निचले भाग जिसे ईयर लोब कहते हैं, उसमें  मस्तिष्क के ऍक्यूप्रेशर बिंदू होते हैं जो कान पकड़ने से एक्टिव हो जाते हैं । इससे स्मरण शक्ति का विकास होता है। इसके नियमित अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है और भावात्मक अस्थिरता दूर होती है। साइंस कहता है कि हाइपर -एक्टिव बच्चों के मस्तिष्क को यह मुद्रा शांत और फोकस करती है।