अगर आप में कुछ भी कर गुजरने की इच्छा हो तो आप मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से कर जाते हैं। इसी मुश्किल काम को आसानी से कर गुजरने वाली एक किसान की बेटी इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। इस लड़की का नाम स्वप्नाली सुतार है। इस लड़की ने उस कहावत को साकार कर दिया है जो आपने लोगों से कई सुनी या फिर कहीं पर पढ़ी होगी। ये कहावत है..'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।'
ये कहानी उस लड़की की है जिसने हाल ही में 12वीं क्लास की परीक्षा 88 प्रतिशत से पास की है। स्वप्नाली ठाणे में रहती हैं लेकिन लॉकडाउन में वह गांव सिंधुदुर्ग जिले के कणकवली तहसील के गांव दारिस्ते चली गईं। ये दुर्गम इलाका खाई और पहाड़ियों से भरा हुआ है। इसके साथ ही यहां पर इंटरेट की सुविधा भी ठीक नहीं है।
इंटरेट की सुविधा ठीक न होने की वजह से स्वप्नाली को पढ़ाई में बहुत दिक्कत हो रही थी जिस वजह से स्वप्नाली ने ऐसा कदम उठाया जिसकी सराहना हर तरफ हो रही है। स्वप्नाली ने जगह तलाश की और उस जगह पर एक झोपड़ी बनाई जहां नेटवर्क ठीक तरह से आता हो। इसके लिए पहले जगह की तलाश की और वहां पर झोपड़ी बनाकर पढ़ाई की व्यवस्था की।
स्वप्नाली ने गांव में स्थित अपने घर से 2 किलोमीटर दूर ये झोपड़ी बनाई है। पहले तो स्वप्नाली के माता-पिता इसके लिए राजी नहीं थे लेकिन बाद में वो मान गए।