आजकल सबकी जुबान पर सिरिशा बांदला का नाम चढ़ा है। सिरिशा भारत की वो होनहार बेटी है जिसने बीती रात अंतरिक्ष में भारत की एक सशक्त मौजूदगी दर्ज की। जी हां, सिरिशा ने वर्जिन गैलेक्टिक के Unity-22 से रविवार की रात 8 बजे अंतरिक्ष के लिए सफल उड़ान भरी और तीन लाख फीट ऊपर अंतरिक्ष में गई। आपको बता दें कि अंतरिक्ष में भारत का यह चौथा कदम है। इससे पहले राकेश शर्मा, कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स भारत की शान बढ़ा चुके हैं। चौथी बार किसी भारतीय के कदम पड़े हैं।
सिरिशा भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं जो आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में जन्मीं थी। चार साल की उम्र में जब सिरिशा ने आसमान में उड़ने का सपना देखा, तभी उनके माता पिता उन्हें लेकर अमेरिका के ह्यूस्टन में शिफ्ट हो गए। जगह बदली लेकिन सिरिशा का देश के लिए उड़ने का सपना नहीं बदला और 34 साल की उम्र में सिरिशा अंतरिक्ष तक जा पहुंची।
अरबपति बिजनेसमैन और वर्जिन गैलेक्टिक के संस्थापक रिचर्ड ब्रेनसन के साथ वर्जिन गेलेक्टिक रॉकेट शिप में अंतरिक्ष जाने वाली सिरिशा छह लोगों की टीम में शामिल थी। सिरिशा ने न्यू मैक्सिको से वर्जिन गेलक्टिक के जरिए रिचर्ड ब्रेंसन समेत पांच लोगों के साथ सफल उड़ान भरी तो भारत के लिए एक और इतिहास का क्षण बन गया।
दुनिया भर से सिरिशा बांदला के माता पिता को बधाइयों के फोन आने लगे। आंध्र प्रदेश में सिरिशा के पैतृक गांव में बाकायदा जश्न मनाया गया।
उड़ान भरने से पहले सिरिशा काफी उत्साहित थी। उन्होंने इसका जिक्र उड़ान भरने से पहले भी किया। उन्होंने कहा कि मैं भारत को भी अपने साथ ऊपर ले जा रही हूं। उनका कहना था कि उनके इस सपने को सच करने में उनके माता पिता और दादा दादी का काफी योगदान है।
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से इंसपायर होने वाली सिरिशा ने कहा कि ह्यूसटन में रहने के दौरान उनकी रुचि अंतरिक्ष और नासा में जगी और उन्होंने ये फैसला किया कि वो एक दिन अंतरिक्ष में जाएंगी।