कोरोना का कठिन काल है। लोग बीमारी के साथ साथ काम धंधे की अनिश्चितता से डरे हुए हैं। ऐसे कई लोग हैं जिनको लॉकडाउन में खाने के लाले पड़ गए हैं। लेकिन ऐसे मसीहा भी इसी धरती पर हैं जो बिना प्रचार किए भी अन्न सेवा कर रहे हैं। ये अन्नदाता प्रचार के भूखे नहीं है, इनको फोटो खिंचाने का शौक नहीं है, किसी भूखे का पेट भर जाए, इनके लिए यही सबसे बड़ा लक्ष्य है।
ऐसी ही अन्नसेवा कर रहे एक सरदार जी की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन्होंने खुद या अपने परिचितों से ऐसा कोई ऐलान नहीं करवाया कि ये खाना खिला रहे हैं। लेकिन फिर भी जनता सही गलत की पहचान रखती है और ऐसे ही लोगों ने इनकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर इनको हीरो बना दिया।
दरअसल ये सरदार जी खामोशी से स्कूटर पर खाना लेकर निकलते हैं। एक खामोश हीरो की तरह सड़क पर ही भूखों को खाना खिलाते हैं और घर लौट जाते हैं।
ट्विटर यूजर डॉक्टर संजय अरोड़ा ने अपने अकाउंट पर इस फरिश्ते की फोटो शेयर की तो मानों लोग सैल्यूट करने के लिए उमड़ पड़े। अरोड़ा ने लिखा कि वो वॉक पर जाते थे तो ये सरदार जी चुपचाप जरूरतमंदों को भोजन खिलाते दिखते थे। एक दिन मैंने इनकी फोटो खींचने की गुजारिश की तो पहले ये संकोच करने लगे फिर राजी हो गए।
इस फोटो के पोस्ट होते ही लोग इन सरदार जी को असली हीरो कहकर सैल्यूट करने लगे। कुछ यूजर ने इन्हें निस्वार्थ सच्ची सेवा करने वाले हीरो करार दिया है तो कुछ लोग इनकी शांत सेवा को सलाम कर रहे हैं।
कुछ लोगों ने लिखा है कि इस निर्मम जमाने में ऐसे लोगों का होना इंसानियत के जिंदा रहने का सबूत है।