लॉकडाउन में पारले-जी ने बिक्री के मामले में पिछले 8 दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जहां बहुत सारे लोगों ने इस बिस्किट को लॉकडाउन के वक्त स्टोर करके रख लिया था जिससे जरूरत पड़ने पर स्नैक्स की तरह खा सकें, वहीं प्रवासी मजदरों के लिए तो ये इकलौता खाना बन गया था। वहीं बहुत सारे लोगों ने सैकड़ों पैकेट पारले-जी बिस्किट खरीदकर जरूरतमंद लोगों को दान दिया। पारले जी ने बताया कि मार्च, अप्रैल और मई का महीना पारले-जी कंपनी के लिए बहुत अच्छा रहा। कंपनी की 80 से 90 फीसदी की सेल हुई है और शेयर मार्केट में भी कंपनी का शेयर 5 फीसदी बढ़ गया है।
लॉकडाउन के मौके पर जहां तमाम कंपनियां नुकसान झेल रही हैं वहीं ये लॉकडाउन पारले-जी के लिए फायदेमंद साबित हुआ। पारले जी इतना बिका कि पिछले 82 सालों का रिकॉर्ड टूट गया, कुछ ने खिलाया तो बहुतों ने खाया। महज 5 रुपये में आने वाला ये बिस्किट उन प्रवासी मजदूरों के लिए और उनके बच्चों के लिए सहारा बना जो सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर जा रहे थे। वहीं बहुत सारे बैचलर्स ने लॉकडाउन के बारे में सुनते ही पारले-जी का स्टॉक ले आएं। जिससे सुबह और शाम की चाय के साथ उनका स्नैक्स रेडी रहे। बहुत सारे लोगों ने सैकड़ों पैकेट बिस्किट इसलिए खरीद लिए ताकि जो भी उन्हें जरूरतमंद लगे उन्हें वो पारले-जी देकर उनकी भूख मिटा सके।
पारले जी साल 1938 से लोगों का पसंदीदा बिस्किट रहा, इस बिस्किट के 82 साल हो गए लेकिन आज भी लोगों का ये पसंदीदा बिस्किट बना हुआ है।
देखिए लोगों ने कैसे ट्वीट करके इस बात की खुशी जाहिर की है और अपने इमोशन भी शेयर किए हैं-