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Hindi News वायरल न्‍यूज लॉकडाउन में परदेस में फंसे मजदूर का भावुक गाना हो रहा वायरल, सुनकर आंसू आ जाएंगे

लॉकडाउन में परदेस में फंसे मजदूर का भावुक गाना हो रहा वायरल, सुनकर आंसू आ जाएंगे

लॉकडाउन में गांव से दूर परदेस में रोजी रोटी कमाने की जद्दोजहद में लगे मजदूर लॉकडाउन में घर परिवार को याद कर रहे हैं। ऐसे ही हालात में एक मजदूर का भावुक कर देने वाला गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

viral Song- India TV Hindi Image Source : PTI/YOUTUBE वायरल गाना

देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है। लोग घरों में बंद हैं, हर किसी को अपने परिवार की, अपने बच्चों की चिंता है। लेकिन दूसरे राज्यों में दिहाड़ी पर काम कर रहे लाखों मजदूर अधर में फंसे हुए हैं। अपने घर, गांव  से दूर परदेस में रोजी रोटी कमाने की जद्दोजहद में लगे मजदूर लॉकडाउन में घर परिवार को याद कर रहे हैं। ऐसे ही हालात में एक मजदूर का भावुक कर देने वाला गाना सोशल मीडिया पर वायरल  हो रहा है। इस गाने में कमाने खाने की जद्दोजहद में फंसे मजदूर का घर परिवार से दूर परदेस में फंसने का दर्द साफ बयां हो रहा है। वो शिकायत नहीं कर रहा, बस प्रार्थना कर रहा है कि सरकार उसे घर पहुंचा दे।

आपको बता दें कि इंडिया टीवी के खास प्रोग्राम आज की बात में इन मजदूरों की पूरी व्यथा की जानकारी दी गई। लॉकडाउन में गांव पहुंचने के सपने के साथ हजारों लाखों मजदूर अपने परिवार, संगी साथियों के साथ पैदल ही निकल पड़ा है अपने अपने गांव की ओर। ऐसे ही एक काफिले में मौजूद एक मजदूर ने इस गाने के जरिए सरकार से अपील की कि उसे घर पहुंचा दिया जाए। 

धीरे धीरे ये गाना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। तमाम लोग इस गाने में मजदूरों के मन की व्यथा को समझ पा रहे हैं लेकिन कोई कुछ कर नहीं सकता। जनता सलाम कर रही है उन पुलिसवालों को जो इन लोगों को मदद कर रहे हैं। इस प्रोग्राम में कई गर्भवती महिलाओं का जिक्र भी हुआ। वो महिलाएं जो आठ और नौ महीने के गर्भ के साथ कई सौ किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हुई, और वो औरतें भी जिन्होंने बीच सड़क पर साथी महिलाओं की मदद से बच्चों को जन्म दिया।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के बीच सबसे ज्यादा परेशानी दूर दराज के राज्यों में काम कर मजदूरों के साथ हो रही है। कामकाज बंद होने के चलते भूखे मरने की नौबत आने पर ये मजदूर लाखों की तादाद में पैदल ही घर लौटने पर मजबूर हैं। हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें मजदूरों की घर वापसी को लेकर हरसंभव प्रयत्न कर रही हैं लेकिन फिर भी लाखों मजदूर पैदल काफिलों में सैंकड़ों किलोमीटर का सफर कड़ी धूप और बारिश के बीच करने के मजबूर है। हर किसी के मन में बस एक ही आस है, घर पहुंच जाएं, अपने गांव पहुंच जाएं।