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Hindi News वायरल न्‍यूज Honeymoon का क्या है मतलब, क्यों जाते हैं हनीमून पर? जानिए मजेदार किस्से

Honeymoon का क्या है मतलब, क्यों जाते हैं हनीमून पर? जानिए मजेदार किस्से

हनीमून में चांद का रोल बहुत खास है। शादी के बाद हनीमून पर जाना एक कर्म बन गया है। लेकिन सबसे पहला हनीमून किसने मनाया होगा?

<p>honeymoon</p>- India TV Hindi Image Source : GOOGLE honeymoon

एक तरफ चंद्रयान 2 chandrayaan 2 चांद पर उतरने की तैयारी कर रहा है और दूसरी तरफ भारतीय जनमानस के दिल दिमाग पर चांद moon छा गया है। चांद हर चीज में जरूरी है,तीज त्योहार से  लेकर प्रेम और प्रेम से लेकर शादी तक। हर जगह इसकी मौजूदगी जरूरी है। बात शादी की करें तो शादी के बाद हनीमून Honeymoon (चांदनी में शहद चखना - इंटरनेट पर इसका यही मतलब बताया जा रहा है) उतना ही जरूरी हो चुका है जितना दुल्हन का पार्लर जाना।

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शादी कैसी भी हो, अमीर की हो या मिडिल क्लास की, लेकिन हनीमून पर सबको जाना है। अमीर स्विट्जरलैंड जाते हैं औऱ सामान्य कपल शिमला मनाली घूम आते हैं। शादी के बाद हनीमून एक आवश्यक कर्म सा बन गया है। कभी शादी के बाद के मधुर लम्हो को सेलिब्रेट करने के लिए हनीमून की अवधारणा बनी थी, जो अब क्रेजीनेस में बदल गई है।

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लेकिन हनीमून पर सबसे पहले कौन गया। क्या वाकई उस कपल ने चांद की चांदनी में शहद चखा होगा, क्या वाकई ये परंपरा घरवाले तय करते थे। इन सवालों का जवाब इंटरनेट पर तरह तरह के जवाबों से मिलता है। 

एक सोर्स CountryLivings.com बताता है कि हनीमून की शुरूआत ब्रिटेन में हुई। इसका मतलब था कि जो लोग शादी में नहीं आए, दूल्हा दुल्हन खुद उनके घर जाकर उनसे मिलकर आते है। इससे रिश्ते प्रगाढ़  होते हैं औऱ दूल्हा दुल्हन का घूमना फिरना भी हो जाता है। मेजबान दूल्हा दुल्हन को शहद चटाकर उनके दांपत्य जीवन में मधुर मिठास की प्रार्थना करते थे। इसलिए इस परंपरा का नाम हनीमून पड़ा। 

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लेकिन एक सोर्स ये कहता है कि हनीमून में मून है ही नहीं, ये मोनस है। यानी HoneyMones,हनी का मतलब नवविवाहित जोड़े में प्यार ही प्यार रहता है और मोनस का वक्त के साथ धीरे धीरे ये प्यार कम हो जाएगा और इन मधुर पलों का फायदा उठाने के लिए नवविवाहित जोड़ा कई दिन तक अकेले साथ रहता था।

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एक दूसरी कहानी से पता चलता है कि 5 वीं शताब्दी में दुल्हा दुल्हन को मधुर बंधन में बंधने यानी सुहागरात से पहले शहद से बनी mild alcholal मीड (mead) पिलाई जाती थी। इसके बाद दूल्हा दुल्हन चांद की चांदनी में डांस करते थे और विवाहित जोड़ें उन पर फूल बरसाते थे। इसका मतलब था कि चांद की उम्र जितनी उनकी मैरिड लाइफ हो और हमेशा फूलों सी महकती रहे।