Viral: पांच महीने की मासूम बच्ची के लिए 'संकटमोचक' बनी सरकार, माफ किए 6 करोड़ रुपए
केंद्र सरकार की मदद से अब पांच महीने की मासूम बच्ची के जीवन को मिल गई है संजीवनी। जल्द ही नन्ही तीरा को लगेगा दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन।
पिछले दिनों हमने आपको पांच महीने की तीरा कामत की खबर दी थी। पांच महीने की तीरा कामत एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है और इस मासूम बच्ची की जान अमेरिका से आने वाले 16 करोड़ रुपए के एक इंजेक्शन से बच सकती है। इस बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अब इस बच्ची के लिए अमेरिका से इंजेक्शन आने वाला है।
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जी हां, पांच महीने की तीरा कामत को बचाने के लिए उसके माता पिता ने दुनिया भर से मदद की गुहार की थी। आपको बता दें कि दुनिया भर से मिली मदद के बाद बच्ची के मां बाप के पास दस करोड़ रुपए जमा हो गए थे। अब मात्र छह करोड़ की दरकार थी। तब मिहिर कामत ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि वो इस इंजेक्शन को अमेरिका से भारत लाने पर लगने वाला छह करोड़ का टैक्स माफ कर दें ताकि इंजेक्शन भारत लाया जा सके और उनकी मासूम बच्ची को संजीवनी मिल सके।
इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ये अपील की थी कि यदि सरकार इंजेक्शन पर लगने वाला टैक्स और जीएसटी माफ कर दें तो तीरा के लिए जल्द से जल्द इंजेक्शन लाया जा सकता है।
देवेंद्र फणनवीस की ये प्रार्थना केंद्र सरकार ने स्वीकार करते हुए उस इंजेक्शन पर सभी तरह के टैक्स माफ कर दिए हैं जिससे तीरा को लगाया जाने वाला यह इंजेक्शन आने की राह साफ हो गई है।
एक तरफ देवेंद्र फणनवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है। उधर तीरा के माता पिता भी इस खबर को सुनकर निहाल हो गए हैं। इस इंजेक्शन की बदौलत उनकी जिंदगी वीरान होने से बच जाएगी और इस मासूम की किलकारियां उनके आंगन में हमेशा कायम रहेंगी।
तीरा के पिता पिता मिहिर और मां प्रियंका मुंबई में ही मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखते हैं। जब बच्ची हुई तो उसका नाम तीर पर 'तीरा' रखा गया क्योंकि वो काफी लंबी पैदा हुई थी। कुछ दिन बाद तीरा को दूध पीने में दिक्कत होने लगी। दूध पीते वक्त उसका दम घुटने लगा। जब डॉक्टरों को दिखाया गया तो डॉक्टरों ने बताया कि तीरा दुर्लभ बीमारी एसएमए टाइप 1 (SMA Type 1) से पीड़ित है।
आपको बता दें कि ये दुनिया में कम ही बच्चों को होती है और इससे ग्रसित बच्चे के जीवित रहने की संभावना हद से हद 18 महीने तक रहती है। मुंबई के ही एसआरसीसी अस्पताल में फिलहार तीरा का इलाज चल रहा है और डॉक्टरों को उम्मीद है कि इंजेक्शन के बाद बच्ची की तबियत सुधर जाएगी।
मोदी सरकार के इस कदम की प्रशंसा हो रही है। तीरा के माता पिता ने जिस एफबी पेज पर बच्ची के लिए आर्थिक मदद मांगी थी, उस पर जमकर मदद आई जिसकी बदौलत माता पिता दस करोड़ जैसी बडी रकम जमा करने में कामयाब हो पाए। ऐसे में एक सलाम उन लोगों को भी बनता है जिन्होंने इस बच्ची के जीवन के लिए मदद करने को हाथ आगे बढ़ाया।